दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन में महिलाओं को 500-500 रुपये दिए जाने की चर्चा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में मोटरसाइकिल पर कुछ लोग कतारों में निकलते दिख रहे हैं, जबकि वहां मौजूद लोग हर बाइक वाले को एक लिफाफे जैसा कुछ देते नजर आ रहे हैं. दावा है कि शाहीन बाग में विरोध-प्रदर्शन के लिए कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां महिलाओं को 500-500 रुपये बांट रही हैं, यह वीडियो इसका सबूत है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो तीन महीने पुराना है और झारखंड के धनबाद से है. इसका सीएए से कुछ लेना देना नहीं है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक यूजर "Darshan Mondkar" ने 30 सेकंड का यह वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है: "शाहीन बाग में महिलाओं को प्रदर्शन करने के लिए 500 रुपए देते कांग्रेस व विपक्ष. यह वीडियो है सबूत."
वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा तो हमें वीडियो में बीजेपी का झंडा और लिफाफे बांटने वाले लोगों की टीशर्ट पर "अबकी बार 65 पार" लिखा नजर आया. पिछले दिनों झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने "अबकी बार 65 पार" का नारा दिया था. इससे यह स्पष्ट हुआ कि यह वीडियो ताजा नहीं है. वहीं, वीडियो में कोई महिला भी नजर नहीं आ रही है और यह भी कह पाना मुश्किल होगा कि वीडियो में लोगों को लिफाफे में क्या दिया जा रहा है.
वीडियो कब और कहां का है, यह जानने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स काट कर रिवर्स सर्च किया. हमें येनडेक्स की मदद से यूट्यूब पर इस वीडियो का 1.29 मिनट लंबा वर्जन मिल गया. "न्यूजविंग" नामक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो 17 अक्टूबर 2019 को अपलोड किया गया था. वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है: "#Dhanbad: CM Raghubar Das की सभा में भीड़ जुटाने के लिए बांटे गये दो-दो सौ रुपये, वीडियो वायरल"
दरअसल, 17 अक्टूबर को धनबाद में उस समय झारखंड के मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास ने जोहर जन आशीर्वाद रैली निकाली थी. लोकल न्यूज वेबसाइट "न्यूजविंग" की खबर के अनुसार गोविंदपुर में कुछ लोगों ने न्यूजविंग की टीम को यह जानकारी दी थी कि उन्हें रैली में शामिल होने के लिए दो सौ रुपये दिए गए हैं. हालांकि "आजतक" इस बात की पुष्टि नहीं करता कि इस रैली के लिए लोगों को पैसे दिए गए थे या नहीं.
रघुवर दास की इस रैली को तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने कवर किया था. हमने न्यूजविंग के रिपोर्टर सचिदानंद से बात की जिन्होंने बताया कि यह वीडियो रैली खत्म होने के बाद का है, जब रैली में शामिल हुए लोगों को कथित रूप से पैसे दिए गए थे.
पड़ताल में यह साफ हुआ कि यह वीडियो दिल्ली का नहीं बल्कि धनबाद का है और करीब तीन महीने पुराना है. इसका शाहीन बाग में हो रहे एंटी-सीएए प्रदर्शन से कुछ लेना-देना नहीं है.