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फैक्ट चेक: पत्रकार की फोटो पर माला चढ़ाकर बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा को दी जा रही श्रद्धांजलि 

एक युवक की माला चढ़ी फोटो शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स बहराइच हिंसा में 13 अक्टूबर को मारे गए रामगोपाल मिश्रा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. आजतक के फैक्ट चेक में जाने इस तस्वीर की सच्चाई...

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये फोटो रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की है जिसकी हाल ही में बहराइच हिंसा के दौरान मौत हो गई.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
तस्वीर में दिख रहे शख्स 'नवभारत टाइम्स' के पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला हैं, न कि रामगोपाल मिश्रा. 

एक युवक की माला चढ़ी फोटो शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स बहराइच हिंसा में 13 अक्टूबर को मारे गए रामगोपाल मिश्रा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. फोटो पर लिखा है- 'हुतात्म श्री राम गोपाल मिश्र'. इसे शेयर करते हुए कई लोग एक कविता भी लिख रहे हैं, जिसकी शुरुआती लाइनें हैं- 'देवी मां पर पत्थर बरसे ये वो सहन न कर पाया, उसने देखा उस छत पर जिहादी झंडा था फहराया'.

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Fact Check Image 2nd

ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. काफी सारे लोग इस फोटो को रामगोपाल मिश्रा की असली तस्वीर समझकर 'ओम शांति' और 'शत शत नमन' जैसे कमेंट कर रहे हैं. लेकिन असल में ये फोटो रामगोपाल मिश्रा की नहीं बल्कि 'नवभारत टाइम्स' के पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला की है.

क्या है इस फोटो की कहानी?

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर मौजूद पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला के 'ऑथर प्रोफाइल' में मिली. यहां बताया गया है कि राघवेंद्र, 'नवभारत टाइम्स' में 'सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर' हैं और लखनऊ में कार्यरत हैं.

राघवेंद्र ने 18 अक्टूबर को इस बारे में फेसबुक पर स्पष्टीकरण भी जारी किया था. इसमें लिखा है कि कई लोग उनकी फोटो लगाकर रामगोपाल मिश्रा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. साथ ही, उन्होंने ये भी बताया है कि वो एकदम सही-सलामत हैं.

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'नवभारत टाइम्स' ने भी वायरल पोस्ट का खंडन करते हुए एक रिपोर्ट छापी है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है. हमने इस बारे में राघवेंद्र से भी बात की. उन्होंने 'आजतक' को बताया, “मैंने बहराइच मामले को लेकर कई खबरें लिखी हैं. NBT में हर खबर के नीचे उसे लिखने वाले का नाम और फोटो लिख कर आता है. हो सकता है कि किसी व्यक्ति ने इसी वजह से मेरी फोटो को रामगोपाल मिश्रा की फोटो समझ लिया हो. मैंने इस बारे में पुलिस में भी शिकायत की है.”

रामगोपाल के भाई ने क्या कहा?

हमने वायरल फोटो रामगोपाल मिश्रा के चचेरे भाई किशन मिश्रा को भेजी. उन्होंने हमें बताया कि ये फोटो रामगोपाल की नहीं है. बहराइच के 'आजतक' संवाददाता राम बरन चौधरी ने हमें रामगोपाल मिश्रा की असली फोटो भेजी. बहराइच हिंसा से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट्स में यही फोटो इस्तेमाल की गई है. हमने राघवेंद्र की तस्वीर की तुलना रामगोपाल की तस्वीर से की. साफ पता लग रहा है कि दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं.

Raghav

बहराइच हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं. ऐसी ही कुछ खबरों से जुड़े आजतक के फैक्ट चेक यहां , यहां और यहां पढ़े जा सकते हैं.
 

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