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फैक्ट चेक: कुंभ खत्म होने के बाद प्रयागराज में नहीं लगा कछुओं का महाकुंभ

महाशिवरात्रि के शाही स्नान के साथ ही 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन हो गया. अब कथित तौर पर संगम के तट पर बड़ी संख्या में उमड़े कछुओं का एक वीडियो वायरल हो गया है. कई लोग ऐसा कह रहे हैं कि प्रयागराज में महाकुंभ खत्म होते ही ये कछुए नदी किनारे इकट्ठा हो गए हैं. वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “कुंभ मेला खत्म होने के बाद दिखी कछुओं की लाखों में भीड़.” प्रयागराज के अलावा, कुछ लोग इस वीडियो को बिहार का बता कर भी शेयर कर रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो प्रयागराज का है, जहां महाकुंभ खत्म होते ही संगम पर बड़ी संख्या में कछुए इकट्ठा हो गए.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो ओडिशा का है, जहां रुशिकुल्या नदी के किनारे हर साल लाखों की संख्या में कछुए अंडे देते हैं.

महाशिवरात्रि के शाही स्नान के साथ ही 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन हो गया. अब कथित तौर पर संगम के तट पर बड़ी संख्या में उमड़े कछुओं का एक वीडियो वायरल हो गया है. कई लोग ऐसा कह रहे हैं कि प्रयागराज में महाकुंभ खत्म होते ही ये कछुए नदी किनारे इकट्ठा हो गए हैं.  

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ऐसे ही एक पोस्ट के वीडियो एक शख्स बोल रहा है, “कुंभ मेला खत्म होने के बाद गंगा नदी के किनारे लाखों की तादाद में कछुओं की भीड़ खुलेआम घूमती हुई दिखाई दी. ये कछुए गंगा नदी में लोगों के स्नान के बाद बाहर निकल कर नदी के किनारे आ गए. कछुए इतनी बड़ी संख्या में थे कि वहां पैर रखने की भी जगह नहीं थी. समुद्र के किनारे रेत से ज्यादा तो कछुए ही नजर आ रहे थे, जिन्हें देखने के लिए लोगों की बड़ी भीड़ जमा हो गई थी.”   

 

 

वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “कुंभ मेला खत्म होने के बाद दिखी कछुओं की लाखों में भीड़.” प्रयागराज के अलावा, कुछ लोग इस वीडियो को बिहार का बता कर भी शेयर कर रहे हैं. ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो प्रयागराज का नहीं, बल्कि ओडिशा का है, जहां की रुशिकुल्या नदी के किनारे हर साल लाखों की संख्या में कछुए इकट्ठा होकर अंडे देते हैं.  

कैसे पता लगाई सच्चाई? 
 
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो का एक हिस्सा ‘MH ONE न्यूज’ नाम के एक फेसबुक अकाउंट पर मिला. यहां 23 फरवरी को वीडियो शेयर करते हुए बताया गया है कि ये ओडिशा का है. वहीं, दूसरा हिस्सा 23 फरवरी की एक इंस्टाग्राम रील में मिला, जिसके कैप्शन में बताया गया है कि करीब 7 लाख 'ऑलिव रिडले' प्रजाति के कछुए ओडिशा के गंजम जिले में दिखे थे. इस इंस्टाग्राम अकाउंट का नाम वायरल वीडियो में भी लिखा हुआ है.   

 

 

इसके बाद हमें इस घटना के और भी कई वीडियो और इनके बारे में छपी न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इनमें बताया गया है कि ओडिशा के एक बीच पर करीब 7 लाख कछुओं ने अंडे दिए. ‘द प्रिन्ट’ की खबर के मुताबिक ओडिशा के गंजम जिले में रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर 6.82 लाख से अधिक कछुए अंडे देने के लिए इकट्ठा हुए थे. 2024 और 2023 में ये संख्या 6.37 लाख के करीब थी, वहीं 2022 में 5.50 लाख कछुए अंडे देने के लिए वहां इकट्ठा हुए थे.  

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खबरों के मुताबिक इस साल 16 फरवरी से 25 फरवरी के बीच एनडेंजर्ड (लुप्तप्राय) प्रजाति के इन कछुओं ने अंडे दिए थे. इस दौरान सरकार ने कछुओं की हिफाजत के लिए कई तरह के इंतजाम किये थे, जिससे कछुओं को कोई परेशान न कर सके.   

 


साथ ही, वायरल वीडियो में एक बैनर भी दिखाई दे रहा है. इसपर ‘Government of Odisha’ और 'Olive Ridley Sea Turtle Protection Camp, Podampeta ’ लिखा हुआ है. पोडमपेटा, ओडिशा के गंजम जिले में है, जहां ‘Rusikulya estuary beach’ है. ये बैनर उसी बीच पर लगा है. 

साफ है, ओडिशा में लाखों की संख्या में उमड़े कछुओं का एक वीडियो महाकुंभ से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. 
 

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