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तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी सरकार से तो है ही, कॉरपोरेट कंपनियों से भी वे खासे खफा हैं. कई किसान संगठनों का आरोप है कि इन कंपनियों और सरकार के बीच साठगांठ की वजह से ही ये नए कृषि कानून लाए गए हैं और इनसे सबसे ज्यादा फायदा इन्हीं उद्यमियों को होगा. यही वजह है कि कुछ समय पहले किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के पुतले जलाए थे. किसानों ने ऐसा भी कहा है कि अब वे मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो के सिम का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर देंगे.
इस बहिष्कार के बीच अचानक सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़ा मुकेश अंबानी के एक कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर हो रहा है. ट्वीट में लिखा है, “कांग्रेस के शासन में किसान भूख से आत्महत्या करते थे, मोदी जी के शासन में किसान 6 महीनों के राशन साथ ले दिल्ली घूम रहे है.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जिस ट्विटर अकाउंट से किसान आंदोलन से जुड़ा वायरल ट्वीट किया गया है, वो मुकेश अंबानी का अकाउंट है ही नहीं. मुकेश की कंपनी रिलाइंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पीआर टीम ने भी इस बात की पुष्टि की है.
इस अकाउंट से किए गए ट्वीट्स के जवाब में बहुत सारे लोग इस यूजर को ‘सर’ कहकर संबोधित कर रहे हैं. जाहिर है कि लोग इसे मुकेश अंबानी का असली अकाउंट मान रहे हैं. कुछ लोग अपनी समस्या बताते हुए मदद भी मांग रहे हैं
इस अकाउंट के एक वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेसबुक पर भी वायरल है.
ये ट्विटर अकाउंट, जिसका हैंडल @mukeshambani01 है, अप्रैल 2020 में बनाया गया था और इसके तकरीबन 21 हजार फॉलोवर हैं. हमें इस ट्विटर अकाउंट में ऐसी कई बातें नजर आईं, जिनसे पता चलता है कि ये मुकेश अंबानी का असली अकाउंट नहीं है. एक-एक कर इनके बारे में आपको बताते हैं.
1. हमने पाया कि पिछले कुछ दिनों में इस ट्विटर अकाउंट से मौजूदा किसान आंदोलन संबंधी कई सारे ट्वीट किए गए हैं. अगर सचमुच मुकेश अंबानी ने इस वक्त, किसान आंदोलन को लेकर ये बयान दिए होते, तो मीडिया में हर जगह इसकी खबरें छपी होतीं, लेकिन हमें किसी रिपोर्ट में इन बयानों का जिक्र नहीं मिला. किसान आंदोलन पर हमें मुकेश अंबानी का कोई हालिया बयान भी नहीं मिला.
2. socialbearing टूल की मदद से हमें पता चला कि इस अकाउंट से सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला हैशटैग ‘#मोदी_किसानों_की_शान’ है.
इसी तरह, सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला दूसरा शब्द ‘किसान’ है. ये असंभव तो नहीं, पर इसकी संभावना थोड़ी कम लगती है कि मुकेश अंबानी अपने ट्विटर अकाउंट पर सबसे ज्यादा बात किसानों के बारे में करेंगे.
3. इस अकाउंट से कई बेसिर-पैर के ट्वीट भी किए गए हैं जो मुकेश अंबानी जैसा बिजनेस टायकून कभी नहीं करेगा. जैसे- ‘मुझे टैग करो मैं rt देता हूं’ और ‘किस किस को फॉलो बैक नही मिला था कल? मैं सभी लोगों को फॉलो करुँगा जो मेरे जैसी सोच रखते हैं। इस ट्वीट को रिट्वीट करके हैंडल दीजिये, उन सभी को फॉलो बैक करुँगा जिनका जबाब मुझे सही लगेगा!’
4. हमने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पीआर टीम की एक सदस्य से बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि @mukeshambani01 ट्विटर हैंडल मुकेश अंबानी का नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि मुकेश अंबानी का ट्विटर पर कोई अकाउंट ही नहीं है.
पड़ताल से साफ है कि मुकेश अंबानी के फर्जी ट्विटर अकाउंट @mukeshambani01 के जरिये किसान आंदोलन संबंधी ट्वीट करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.