पुलवामा आतंकी हमले के बाद अब राजनीतिक इल्जाम और बयानबाजियों का दौर जारी है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के जे अल्फोंस ने अंतिम संस्कार से पहले शहीद के पार्थिव शरीर के साथ सेल्फी ली. कांग्रेस नेता ने एक तस्वीर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई, जिसे सुरजेवाला ने अल्फोंस की सेल्फी बताया.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में यह दावा झूठ पाया. वायरल हो रही केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस की तस्वीर उन्होंने खुद नहीं ली यानी ये एक सेल्फी नहीं है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा: "मोदी जी के पर्यटन मंत्री ने तो बेशर्मी की सब हदें तोड़ डालीं, सेल्फी विद डेड बॉडी ऑफ ए शहीद. क्या इससे भी ज्यादा दर्दनाक कोई बात हो सकती है और शर्मसार करने वाली."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की प्रेस कॉन्फ्रेंस यहां देखी जा सकती है. इस वीडियो में 14.50 मिनट से सुरजेवाला को अल्फोंस के बारे में बोल रहे हैं.
हालांकि सुरजेवाला के इस मुद्दे को उठाने से पहले ही लोगों ने अल्फोंस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू कर दिया था. इंडिया टुडे ने इसे रिपोर्ट भी किया था. बता दें कि शनिवार 16 फरवरी को अल्फोंस शहीद हवलदार वसंत कुमार वीवी के अंतिम संस्कार में श्रद्धा सुमन अर्पित करने वायनाड़ के लक्किडी स्थित उनके घर पहुंचे थे.
वायरल हो रही तस्वीर अल्फोंस ने 16 फरवरी की रात को ही अपने फेसबुक पेज से पोस्ट की थी, लेकिन ट्रोल होने के बाद उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया था. इंडिया टुडे ने इस ओरिजनल पोस्ट को हासिल किया.
जब उनसे पोस्ट डिलीट करने की वजह के बारे में पूछा गया तो अल्फोंस ने साफ किया, “जब मुझे उस तस्वीर को लेकर ट्रोल किया जाने लगा तो मेरा सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने वाला व्यक्ति घबरा गया और मुझसे पूछे बिना ही पोस्ट डिलीट कर दिया. जब मुझे पता चला तो मैंने उससे वो तस्वीर और साथ ही उसी समय की कुछ और तस्वीरें फिर से पोस्ट करने को कहा.”
हालांकि सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों ने उन्हें ट्रोल करना जारी रखा. अल्फोंस ने स्पष्टीकरण भी दिया कि उन्होंने कोई सेल्फी नहीं ली है. उन्होंने केरल डीजीपी को पत्र लिखते हुए आग्रह भी किया कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर इस तरह की गलत खबर फैलाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए. द इंडियन एक्सप्रेस सहित कई मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
इंडिया टुडे को उसी पल की कुछ और तस्वीरें भी मिलीं, जिनमें अल्फोंस के दोनों हाथ नीचे देखे जा सकते हैं. इन्हीं में से एक तस्वीर को क्रॉप कर इस पर सेल्फी होने का दावा किया जा रहा है.
शहीद के अंतिम दर्शन के समय वहां तमाम मीडिया मौजूद था. न्यूज 18 केरल ने भी इसे कवर किया था. इस वीडियो में अल्फोंस लोगों की मदद करते नजर आ रहे हैं और उनके हाथ में कहीं भी मोबाइल नहीं दिख रहा. ग्राउंड रिपोर्ट और इवेंट की असली तस्वीरों से यह साफ होता है कि वायरल हो रही अल्फोंस की तस्वीर सेल्फी नहीं बल्कि बड़े कैमरे से खींची गई तस्वीर है.
(केरल से पीएस गोपी कृष्णन उन्निथन के इनपुट के साथ)