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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हलचल शुरू हो चुकी है. राजनीतिक दलों ने अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिपिंग वायरल हो रही है जिसके जरिए यह दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों को लुभाना शुरू कर दिया है. दरअसल, वायरल क्लिपिंग में ये लिखा है कि 'सपा' संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए कहा है कि अगर यूपी में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी दी जाएगी.
फेसबुक और ट्विटर पर हाल-फिलहाल में कई यूजर्स इस क्लिपिंग को शेयर कर चुके हैं. कुछ लोग तंज करते हुए ये भी कह रहे हैं कि यह घोषणा अखिलेश यादव ने की है. अखबार की इस कटिंग को अभी का समझकर फेसबुक पर कुछ लोगों ने लिखा है कि अखिलेश यादव के ब्राह्मण सम्मेलन करवाने का क्या मतलब है जब वे मुस्लिम वोट को इस तरीके से रिझा रहे हैं. बता दें कि यूपी चुनाव के चलते कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव पार्टी के कुछ वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं से मिले थे और राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन करवाने को लेकर चर्चा हुई थी.
क्या है सच्चाई?
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट पूरी सच्चाई नहीं बताती. अखबार की यह क्लिपिंग हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि 2016 की है. इसके साथ ही, वायरल क्लिपिंग के अलावा हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें मुलायम सिंह यादव के इस बयान का जिक्र हो.
कैसे की पड़ताल?
अखबार की कटिंग को इंटरनेट पर खोजने पर सामने आया कि कुछ लोगों ने इस क्लिपिंग को सितंबर 2016 में भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था. हमें एक ट्विटर यूजर की पोस्ट मिली जिसमें इस क्लिपिंग का डिजिटल वर्जन 12 सितंबर 2016 को पोस्ट किया था. इस वर्जन में वायरल क्लिपिंग में दिख रही खबर का पूरा हिस्सा देखा जा सकता है.
Hamne to sirf suna tha ki, politicians #DharmKiRajniti karte hai,but aaj dekh bhi lia,@samajwadiparty @yadavakhilesh pic.twitter.com/0JTg6VBpdq
— Neeraj Mishra (@iamgautamneeraj) September 12, 2016
इससे यहां इतनी बात तो साफ हो जाती है कि यह खबर अभी की नहीं है बल्कि लगभग 5 साल पुरानी है. इसलिए यह कहना भी गलत है कि मुलायम सिंह यादव का यह कथित बयान 2022 में होने वाले चुनाव के चलते आया है. सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे. अगले साल 2017 में यूपी में चुनाव होने वाले थे.
क्या मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि सरकार आने पर सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी दी जाएगी?
इस क्लिपिंग में मुस्लिमों को नौकरी के अलावा और भी कुछ बातें जैसे "मुलायम संदेश यात्रा", 'महिलाओं की इज्जत", "अयोध्या में मस्जिद विध्वंस" का जिक्र है. इन बातों को हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स के तौर पर खोजा. हमें सितंबर 2016 में प्रकाशित हुई ऐसी कुछ खबरें मिलीं जिनमें इन्हीं सब बातों का जिक्र था. ये खबरें 10 सितंबर 2016 को लखनऊ में हुई "मुलायम संदेश यात्रा" को लेकर थीं. यहां इतनी बात साफ हो गई कि वायरल क्लिपिंग भी 10-11 सितंबर 2016 के आसपास की ही है और इस दौरान मुलायम सिंह यादव की लखनऊ में हुई संदेश यात्रा से जुड़ी है.
इन खबरों को पढ़ने पर सामने आया कि इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिमों को लेकर ऐसी कुछ बातें जरूर कही थीं जो संप्रदाय को लुभाने की तरफ इशारा करती हैं. लेकिन किसी भी खबर में यह नहीं लिखा कि मुलायम सिंह यादव ने सरकार आने पर सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी देने की बात कही थी.
'जनसत्ता' की एक खबर के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव ने कहा था, "भाजपा ने मस्जिद गिरवा दी थी. इसके बाद मुसलमानों ने हमारी सरकार बनवाई. मुसलमान हमारे खिलाफ नहीं है. अयोध्या में हमने किसी को मरवाया नहीं, फिर भी मुकदमा लिखा दिया गया. मुसलमानों को पार्टी से ज्यादा जोड़ना है मुसलमानों की सबसे ज्यादा भर्तियां हमने की हैं. प्रदेश के हर थाने में मुसलमान सिपाही है, जितनी नौकरियां मुसलमानों को हमारी सरकार में मिली हैं उतनी किसी भी सरकार ने नहीं दी हैं."
मुलायम ने ये भी कहा था, "विश्व में चिकन के कपड़े मशहूर हैं, जिन्हें लखनऊ के मुसलमान बनाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अभी सभी नौजवानों को नौकरी नहीं मिली है, अबकी बार सरकार बनेगी तो कुछ न कुछ रोजगार देंगे. किसी नौजवान का हाथ नहीं खाली होगा. उन्होंने कहा कि 70 फीसदी मुसलमान हमारे साथ हैं बाकी सभी सरकारों ने मुसलमानों की उपेक्षा की है."
मुलायम के इस भाषण को लेकर उस समय "द टाइम्स ऑफ इंडिया", नई़ दुनिया और बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी खबर प्रकाशित की थी.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि इन खबरों में यही लिखा है कि मुलायम ने सभी नौजवानों को नौकरी देने की बात कही थी. सभी "मुस्लिम युवकों" को नौकरी का जिक्र इन खबरों में नहीं है. ऐसा होना मुश्किल है कि मुलायम मुस्लिमों को लेकर इस तरह का बयान दें और वो सिर्फ एक खबर में छप कर रह जाए. हालांकि, यहां ये नहीं कहा जा सकता कि इस अखबार ने सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी वाली बात किस आधार पर छापी थी. लेकिन अगर बात करें मुस्लिमों को नौकरी की तो 2014 में लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में सपा ने ये जरूर कहा था कि अगर केन्द्र में उनकी सरकार बनती है तो वो मुस्लिमों को नौकरीयों में 15 प्रतिशत का आरक्षण देंगे.