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फैक्ट चेक: यूपी पुलिस ने मुसलमानों से नहीं कही देश से निकल जाने की बात

एक फेसबुक यूजर ने इस भ्रामक वीडियो को शेयर किया है. खबर लिखे जाने तक यह वीडियो 1600 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
उत्तर प्रदेश पुलिस खुलेआम मुसलमानों को देश से चले जाने का आदेश दे रही है
MODI MANIA नाम के एक फेसबुक पेज ने
सच्चाई
वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. पुलिसकर्मी ने नागरिकता नहीं मिलने वाली बात गैर इस्लामिक लोगों के संदर्भ में कही थी.

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सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर रोजाना अलग-अलग तरीके से फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं. अब फेसबुक पर एक वायरल वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस खुलेआम मुसलमानों को देश से चले जाने का आदेश दे रही है. वीडियो में एक पुलिसकर्मी को देखा जा सकता है , जो लाउडस्पीकर पर बोल रहा है - 'नागरिकता नहीं मिल सकती है, इस्लाम मानने वालों के लिए तो ये है कि मान लीजिए यहां नहीं मिला तो उनके लिए 32-36 देश है. तो दो केटेगरी में.... '

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया की वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. दरअसल पुलिसकर्मी ने नागरिकता नहीं मिलने वाली बात गैर इस्लामिक लोगों के संदर्भ में कही थी.

Moizuddin Khaja  नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस भ्रामक वीडियो को शेयर किया है. खबर लिखे जाने तक यह वीडियो 1600 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. वायरल वीडियो का आर्काइव यहां  देखा जा सकता है.

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पड़ताल में सबसे पहले हमने यह जानने की कोशिश की कि वायरल वीडियो कहां का है. वीडियो में 'UP66' नंबर वाली पुलिस की गाड़ी देखी जा सकती है. 'UP66' उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का आरटीओ रजिस्ट्रेशन क्रमांक है.

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हमारे स्थानीय संवाददाता की मदद से पता चला कि वीडियो में दिख रहा पुलिसकर्मी भदोही के औराई कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सत्यनारायण मिश्रा हैं. वायरल वीडियो औराई के घोसिया इलाके का है.

वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने सत्यनारायण मिश्रा से संपर्क साधा. इंस्पेक्टर मिश्रा ने हमें इसी घटनास्थल के कुछ और वीडियो भेजें जो अलग-अलग एंगल से बनाए गए थे. इन वीडियो में  देखा जा सकता है कि इंस्पेक्टर मिश्रा लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बता रहे हैं, जिससे लोगों में कानून को लेकर कोई गलत जानकारी ना पहुंचे. इन वीडियो को देखकर ये कहा जा सकता है कि वायरल वीडियो अधूरा है.  

एक वीडियो में इंस्पेक्टर मिश्रा को कहते हुए सुना जा सकता है-

'यह जो 3 देशों से लोग आए हैं इनको दो कैटेगरी में बांट दिया गया है. एक गैर इस्लामिक लोग और एक जो हैं इस्लामिक लोग. गैर इस्लामिक में सिख हैं , ईसाई हैं ,पारसी हैं , बौद्ध हैं, जैन हैं. क्योंकि अगर ये जाएंगे तो और किसी भी देश में नागरिकता नहीं मिल सकती है. इस्लाम मानने वालों के लिए तो यह है... ' इसके बाद का हिस्सा वायरल वीडियो में सुना जा सकता है जहां पर पुलिसकर्मी इस्लाम के लिए 32-36 देश वाली बात बोल रहे हैं.

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इस वीडियो को ध्यान से सुनने के बाद पूरी कहानी साफ हो जाती है. दरअसल इंस्पेक्टर मिश्रा लोगों को यह बता रहे थे कि भारत में आए गैर इस्लामिक लोगों को किसी अन्य देश में नागरिकता नहीं मिल सकती. भ्रम फैलाने के लिए वायरल वीडियो से जानबूझकर 'गैर इस्लामिक लोग' वाला हिस्सा हटा दिया गया है.

वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा वाक्य-'नागरिकता नहीं मिल सकती है, इस्लाम मानने वालों के लिए तो ये है कि मान लीजिए यहां नहीं मिला तो उनके लिए 32-36 देश हैं'.

पूरा वीडियो में सुनाई दे रहा वाक्य-'गैर इस्लामिक में सिख हैं , ईसाई हैं ,पारसी हैं , बौद्ध हैं, जैन हैं. क्योंकि अगर ये जाएंगे तो और किसी भी देश में नागरिकता नहीं मिल सकती. इस्लाम मानने वालों के लिए तो यह है... '

इसी घटना स्थल के एक और वीडियो में में इंस्पेक्टर मिश्रा लोगों को बता रहे हैं कि नागरिकता कानून में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जिससे किसी भी नागरिक को देश से निकाल दिया जाए. इस वीडियो में वो ये भी कह रहे है कि लोगों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि नए कानून के तहत नागरिकों को देश से निकाल दिया जाएगा.  

इंस्पेक्टर मिश्रा द्वारा भेजे गए  वीडियो से ये बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो के साथ काटछांट की गई है जिससे अलग अर्थ निकाला जा सकता है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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