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फैक्ट चेक: दिल्ली में मुहर्रम जुलूस के दौरान हुई झड़प के वीडियो को नूंह हिंसा का बताकर किया जा रहा शेयर

नूंह से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से अब तक गुरुग्राम समेत पांच जिलों में 93 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 176 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. इसी बीच एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसे नूंह हिंसा का बताया जा रहा है. हालांकि हकीकत कुछ और ही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो गुरुग्राम हिंसा में शामिल दंगाइयों पर सीआरपीएफ की कार्रवाई का है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो दिल्ली के नांगलोई में मुहर्रम के जुलूस में शामिल लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प का है. ये घटना नूंह हिंसा के शुरू होने से दो दिन पहले हुई थी.

हरियाणा सरकार ने नूंह के एसपी वरुण सिंगला का ट्रांसफर कर दिया है. नूंह से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से अब तक गुरुग्राम समेत पांच जिलों में 93 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 176 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.

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इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये गुरुग्राम हिंसा में शामिल दंगाइयों पर सीआरपीएफ की कार्रवाई को दिखाता है.

इसे किसी शख्स ने एक बस के अंदर से रिकॉर्ड किया है. इसमें पुलिस को कुछ लोगों पर लाठी बरसाते देखा जा सकता है.

इसे शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा , "CRPF की लाठी. तोड़ देगी सब की काठी. अब दंगाईयो की खैर नहीं CRPF is in action in GuruGramViolence." ऐसे ही एक पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो का गुरुग्राम या नूंह हिंसा से कुछ लेना-देना नहीं है. ये वीडियो दिल्ली के नांगलोई में मुहर्रम के जुलूस में शामिल अनियंत्रित भीड़ और पुलिस के बीच हुई झड़प और पथराव का है. ये घटना नूंह हिंसा से दो दिन पहले हुई थी.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च से हमें 'जागरण' की न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट भी लगा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 29 जुलाई को दिल्ली के नांगलोई इलाके में कुछ लोगों ने ताजिया जुलूस को निर्धारित मार्ग से इतर ले जाने की कोशिश की थी. इसे लेकर सूरजमल स्टेडियम के पास उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी. आगे बताया गया है कि इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें भीड़ को पथराव करते और बसों व निजी कारों समेत सार्वजनिक वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है.

'ईटीवी भारत' की एक रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो मिला. इसमें जानकारी दी गई है कि पुलिस इस घटना के वायरल वीडियोज की मदद से हुड़दंगियों की पहचान करके उनकी धड़-पकड़ में लगी है.

कई और मीडिया रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि करती हैं कि ये वीडियो 29 जुलाई को नांगलोई में हुई झड़प का है. इस घटना में करीब दस पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. हमें कहीं भी सीआरपीएफ की तैनाती या उसके किसी जवान के जख्मी होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली. न ही वीडियो में सीआरपीएफ का कोई जवान नजर आता है.

साफ है, नांगलोई में हुई झड़प के वीडियो को दो दिन बाद हुई नूंह और गुरुग्राम की हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

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