सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के दावे की मानें तो नवी मुंबई के उरन-मोरा इलाके में कुछ मछुआरों को बड़ी जद्दोजहद के बाद बचाया गया, जब उनकी नाव समुद्री तूफान में पलट गई. अरब सागर के तटीय किनारे पर बसा मोरा, नवी मुंबई के उरन इलाके में बसा एक मछुआरों का गांव है. सोशल मीडिया पर लोगों ने ये भी दावा किया कि पुलिस राहत कार्य में व्यस्त है और फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का मुंबई या महाराष्ट्र से कुछ लेना देना नहीं है. दरअसल ये वीडियो बंगाल की खाड़ी का है. इस हादसे में अब भी 24 मछुआरे लापता हैं.
फेसबुक यूज़र शशिलता विश्वकर्मा ने 13 जुलाई को समुद्री तांडव का एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा, “आज सुबह 9 बजे उरन मोरा का समुद्र तूफान”. वीडियो में लाइफ जैकेट पहने कुछ मछुआरे एक नाव में नज़र आते हैं. देखते देखते नाव डूब जाती है और मछुआरे बीच समुद्र में बड़ी बड़ी लहरों से जूझने लगते हैं.
वीडियो के आखिर में कुछ मछुआरों को उसी नाव में खींच कर बचा लिया जाता है, जिस नाव से ये वीडियो बनाया जा रहा है. विश्वकर्मा की इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.
इन्हीं दावों के साथ ये वीडियो यूटयूब और ट्विटर पर भी अपलोड किया गया है. इस वीडियो को अगर ध्यान से सुना जाए, तो ये साफ समझ में आता है कि लोग बांग्ला भाषा में बात कर रहे हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने इस वीडियो का रिवर्स सर्च किया तो पाया कि ये वीडियो यूट्यूब पर 8 जुलाई को भी अपलोड हुआ था जिसके विवरण में लिखा है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल के काकद्वीप का है.
दरअसल बंगाल में 15 अप्रैल से 15 जून के बीच समुद्र में मछली पकड़ना मना होता है. 15 जून के बाद वहां मछुआरे सैंकड़ों नावों में एक साथ बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने के लिए निकलते हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने इंटरनेट पर खोजा कि क्या इस तरह का हादसा वाकई बंगाल की खाड़ी में हुआ है तो हमने पाया कि 6 जुलाई की शाम 7 बजे बांग्लादेश के समुद्री इलाके में मछली पकड़ कर वापस लौट रहीं चार नावें समुद्री तूफान में फंस गई थीं. इन चार नावों पर 61 मछुआरे सवार थे. पास ही में जो नावें थीं, उन्होंने डूब रहे मछुआरों को बचा लिया लेकिन अब भी 24 मछुआरे लापता हैं.
इस पूरी खबर की जानकारी यहां से ली जा सकती है. जो वीडियो वायरल है, वो वीडियो इस खबर में भी देखा जा सकती है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने ये भी इंटरनेट पर ढूंढा कि क्या मुंबई के आसपास इस तरह की कोई घटना घटी है तो ऐसी किसी घटना की कोई खबर नहीं मिली.
दरअसल महाराष्ट्र के समुद्री किनारों पर 1 जून से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लग जाता है. बारिश के दौरान समुद्र उफान पर रहता है और मछलियों के प्रजनन का मौसम भी होता है इसलिए यहां ये प्रतिबंध लगाया जाता है. इस बारे में यहां पढ़ा जा सकता है.
(प्रसेनजित साहा के इनपुट के साथ)