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फैक्ट चेक: बिहार में बौद्ध प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की का नहीं, ये वीडियो कहीं और का है

बिहार के बोधगया में पिछले कुछ हफ्तों से बौद्ध भिक्षुओं का आंदोलन चल रहा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया है. वीडियो में भारी पुलिसबल, लोगों की भीड़ को आगे बढ़ने से रोकते दिख रहा है. वीडियो अंदर मौजूद टेक्स्ट में लिखा है, “महाबोधि बिहार बोधगया. बौद्ध अनुयायीयों का जनसैलाब.”

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो बिहार के बोधगया इलाके का है, जहां बौद्ध आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो 21 दिसंबर, 2024 को राजस्थान के मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुए यूथ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का है. हालांकि, बोधगया में भी पिछले कुछ हफ्तों से बौद्ध भिक्षुओं का एक आंदोलन चल रहा है.

बिहार के बोधगया में पिछले कुछ हफ्तों से बौद्ध भिक्षुओं का आंदोलन चल रहा है. उनकी मांग है कि 'महाबोधि टेंपल एक्ट 1949' को रद्द किया जाए और सिर्फ बौद्ध समुदाय के लोगों को ही बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) का सदस्य बनाया जाए. 

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इस बीच, कथित तौर पर बोधगया की सड़कों पर उतरे आंदोलनकारियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में भारी पुलिसबल, लोगों की भीड़ को आगे बढ़ने से रोकते दिख रहा है. वीडियो के अंदर मौजूद टेक्स्ट में लिखा है, “महाबोधि बिहार बोधगया. बौद्ध अनुयायीयों का जनसैलाब.”

 

ऐसे ही एक पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “हम लंबे समय से सिस्टम के दरवाजे खटखटा रहे हैं. महाबोधि महाबिहार मुक्ति आंदोलन के लिए न्याय मांग रहे हैं और कुछ नहीं मिल रहा है. अब उन दरवाजा को तोड़ने का समय आ गया है. बिहार सरकार केंद्र सरकार शर्म करो.”

 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 21 दिसंबर, 2024 को राजस्थान के मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुए प्रदर्शन का है. इस प्रदर्शन में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरकार को बेरोजगारी, एमएसपी समेत कई मुद्दों पर घेरा था. 

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें दिसंबर 2024 का एक फेसबुक पोस्ट मिला. इसमें बताया गया है कि ये प्रदर्शन बाबा साहेब आंबेडकर के अपमान के विरोध में राजस्थान में हुआ था. 

दरअसल, 17 दिसंबर, 2024 को गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान एक भाषण दिया था. इस दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर उन्होंने एक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था. 

दिसंबर 2024 में इंडियन यूथ कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से वायरल वीडियो शेयर किया था. 

 

 

इसके बाद हमें इस प्रदर्शन के बारे में छपी कुछ न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं. इनमें बताया गया है कि 21 दिसंबर, 2024 को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जयपुर में एक प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन के जरिए बेरोजगारी, लोगों में नशे की लत, और किसानों के लिए एमएसपी की मांग समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरा गया था. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सरकारी आवास की ओर बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए पुलिसबल को लाठियों और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. 

हमें जयपुर में हुए इस प्रदर्शन का एक और वीडियो भी मिला, जिसमें सचिन पायलट भीड़ से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

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खबरों के मुताबिक, इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने राजस्थान यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत करीब 40 युवाओं को हिरासत में लिया था. धक्का-मुक्की के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आई थीं. 

साफ है, बिहार के महाबोधि मंदिर विवाद को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन तो हो रहे हैं. लेकिन, प्रदर्शनकारियों को लाठियों से रोकते पुलिस वालों के वायरल वीडियो का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है.

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