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फैक्ट चेक: जयपुर के परिवार पर हुए हमले का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ देहरादून का बताकर हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर एक वायरल एक वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर देहरादून का बताकर शेयर किया जा रहा है. आजतक ने अपने फैक्ट चेक में इस दावे को गलत पाया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे उत्तराखंड के देहरादून में मुस्लिम, हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो देहरादून का नहीं बल्कि जयपुर का है जहां 8 अप्रैल, 2024 को जमीन विवाद को लेकर कुछ बदमाशों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था. मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

कुछ लोगों पर पत्थरों से हमला करती भीड़ के एक वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि उत्तराखंड के देहरादून में मुस्लिमों ने हिंदुओं पर हमला कर दिया. वायरल हो रहा ये वीडियो किसी कॉलोनी का लगता है जहां लाठी-डंडा लिए भीड़ कुछ लोगों पर ताबड़तोड़ पत्थरबाजी करती दिख रही है. जिन पर पत्थर फेंके जा रहे हैं उनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. ये लोग अपने आप को बचाते हुए भीड़ से दूर भागते दिख रहे हैं. 

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Fact Check Image 1st


वीडियो को देहरादून के लोहिया नगर का बताया जा रहा है. दावा है कि इस इलाके में मुस्लिमों ने हिंदुओं को भगा-भगा कर मारा और उनके सिर फोड़ दिए. वीडियो के जरिए तंज कसा जा रहा है कि देहरादून का हिंदू समुदाय गहरी नींद में सो रहा है और एक दिन उत्तराखंड में उसका खात्मा हो जाएगा.


ये सांप्रदायिक पोस्ट फेसबुक और एक्स पर काफी शेयर किया जा रहा है. ऐसे ही एक वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

 

 


आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो देहरादून का नहीं बल्कि जयपुर का है जहां 8 अप्रैल, 2024 को जमीन विवाद को लेकर कुछ बदमाशों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था. मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

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कैसे पता की सच्चाई?


वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें “टीवी9 भारतवर्ष” की 8 अप्रैल, 2024 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें वीडियो के स्क्रीनशॉट्स मौजूद हैं. खबर में बताया गया है कि ये घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर के मालपुरा गेट थाना क्षेत्र स्थित दादा गुरुदेव नगर की है.


यहां एक जमीन पर कब्जा करने के लिए 40-50 की संख्या में पहुंचे बदमाशों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था. ये परिवार इस जमीन पर बने घर में 50 सालों से रह रहा था. परिवार के लोगों को लाठी-डंडों, ईंट-पत्थर और लोहे की रॉड से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था.


“दैनिक भास्कर” और “ईटीवी भारत” ने भी इस मामले पर खबरें छापी थीं. इनके मुताबिक, हमला शंकर लाल सुईवाल के परिवार पर किया गया था. इस प्लॉट को लेकर पहले से विवाद चल रहा था. 8 अप्रैल को फिर विवाद शुरू हुआ और बदमाशों ने प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश की. बदमाशों ने मकान की दीवार तोड़ दी और घर में खड़ी कार के शीशे तोड़ दिए. परिवार की महिलाओं- विमलेश और नीलम के साथ भी मारपीट और छेड़छाड़ की गई.  

पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सुभाष चंद मदेरणा और नंदकिशोर मीणा को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा, जितेंद्र, रामजीलाल, सुरेश जाट, महेंद्र मीणा, नरेंद्र बैरवा, जयसिंह नरूका, चंदन कुमार और यशपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने सजा देते हुए आरोपियों की नंगे पैर सरेआम परेड भी करवाई थी.

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इस बारे में हमारी बात इलाके के डीसीपी काविंद्र सागर से भी हुई. उन्होंने हमें बताया कि इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं हैं. अभी तक पकड़े गए सभी आरोपी हिंदू समुदाय से ही हैं.


अगर बात करें देहरादून के लोहिया नगर की तो सर्च करने पर हमें पता चला कि 25 मार्च, 2024 को इस इलाके में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. खबरों में बताया गया है कि इसमें महिलाओं के साथ मारपीट और लूटपाट की गई थी. इस बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था.


इसे शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स मामले को सांप्रदायिक एंगल देने लगे थे. तब देहरादून पुलिस ने एक्स पर जानकारी ( दी थी कि ये दो मुस्लिम पक्षों के बीच आपसी रंजिश के कारण हुई मारपीट का मामला है. पुलिस ने मामले को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील भी की थी.  

Fact Check Image 2nd

इस तरह ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल पोस्ट में कही गई बात पूरी तरह झूठ है. ये वीडियो जयपुर का है, न कि देहरादून का. साथ ही, इसमें और देहरादून वाली घटना में कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं है.

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