दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने दिलीप घोष पर हमला किया है.
ट्विटर यूजर गुंजन गुप्ता ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'देखो पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को रोहिंग्या अपनी बस्ती में आने भी नहीं देते, यदि ऐसे ही सोते रहे तो यह स्थिति पूरे भारत की होने वाली है. कांग्रेसी हिंदुओं से निवेदन है अपने बच्चों का भविष्य इस वीडियो में देख सकते हो. देखकर पीड़ा हुई हो तो अपनी आंखों से चश्मा उतारो देशहित में मतदान करो.' इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
देखो पश्चिमबंगाल में हिन्दुओ को
रोहिंग्या अपनी बस्ती में हिन्दू को आने भी नही देते
यदि ऐसेही सोतेरहे तो यह स्थिति पूरेभारत की होने वाली है
Advertisementकाँग्रेसी हिंदुओं से निवेदन
अपनेबच्चों का भविष्य इस वीडियो में देख सकते हो
देखकर पीड़ा हुई होतो अपनी आँखोंसे चश्मा उतारो देशहित में मतदान करो pic.twitter.com/aNZiLAlq74
— गुंजन गुप्ता 🇮🇳 भारत की बेटी 🇮🇳 (@GunjanG69930444) February 5, 2020
इसे फेसबुक पर भी काफी शेयर किया जा रहा है. एक फेसबुक यूजर सुभाष वाडिया ने इसे फेसबुक पर साझा करते हुए लिखा है, 'ये है आज का पश्चिम बंगाल, जहां रोहिंग्या/बांग्लादेशीयों की बस्ती में हिंदू नेता भी सलामत नहीं है.'
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो 5 अक्टूबर 2017 का है, जब दिलीप घोष दार्जिलिंग के दौरे पर थे. उस समय कथित रूप से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बागी नेता बिनय तमांग के समर्थकों ने उन पर और उनके सहयोगियों पर हमला कर दिया था.
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए जब हमने इंटरनेट पर 'कीवर्ड्स' डालकर इस घटना से जुड़ी खबरें सर्च कीं तो Republic World के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला. इसे 5 अक्टूबर 2017 को अपलोड किया गया था.
इस वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक 'पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष पर जीजेएम के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.'
इस घटना से जुड़ी खबरें सर्च करने पर हमें जनसत्ता और नवभारत टाइम्स की खबरें मिलीं. इन खबरों के भी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बागी नेता बिनय तमांग के समर्थकों पर ही इस घटना को अंजाम देने की बात कही गई थी.
वीडियो में भी हमलावर लोग बीजेपी के कार्यकर्ताओं को धमकी भरे स्वर में ‘गोरखा को क्या समझ रखा है तम लोगों ने’ कहते सुना जा सकता है.
दरअसल, अपने इस दार्जिलिंग दौरे से पहले दिलीप घोष ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग का समर्थन करते हुए विनय तमांग की आलोचना की थी और तमांग को धोखेबाज बताया था. इसी बात से नाराज तमांग गुट के समर्थकों ने घोष और उनके साथियों पर हमला कर दिया था.
विनय तमांग से मतभेदों के कारण बिमल गुरूंग ने तमांग को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से निष्कासित कर दिया था. इसके बाद से ही गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के दो गुट हो गए.
AFWA की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत पाया गया है. वीडियो दिलीप घोष के अक्टूबर 2017 में हुए दार्जिलिंग दौरे के समय का है. बिनय तमांग की आलोचना से नाराज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के तमांग समर्थकों ने घोष और उनके सहयोगियों पर हमला कर दिया था.