सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो आदमी मिलकर एक आदमी को बेरहमी से डंडों से पीट रहे हैं. बुर्का पहने एक महिला पीड़ित को बचाने की कोशिश कर रही है. सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को शेयर करते हुए 'हिंदुत्व' और 'भारत की फासीवादी सरकार' की आलोचना कर रहे हैं.
ट्विटर हैंडल @akrmalqymy ने इस 44 सेकेंड के वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'देखिए कैसे आज भारत में चरमपंथी इस परिवार को बेरहमी से पीट रहे हैं भारत में फासिस्ट सरकार के संरक्षण में मुसलमान मारे जा रहे हैं हिंदुत्व की विचारधारा दुनिया के लिए बहुत खतरनाक है.'
Look at how extremists in India today are brutally beating this family
Muslims in India are killed under the cover of the fascist Indian government
Hindutva ideology is very dangerous for world. pic.twitter.com/lvDEOENoVf
— أخبار مسلمي العالم🌍 (@akrmalrqymy) July 6, 2020
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो जिस घटना का है, वह सांप्रदायिक नहीं है. पीड़ित और आरोपी दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं.
यह पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल हो रही है. पोस्ट का आर्काइव्ड यहां देखा जा सकता है.
AFWA की पड़ताल
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स काटकर हमने इनविड टूल की मदद से रिवर्स सर्च किया और पाया कि प्रशांत शुक्ला नाम के पत्रकार ने यही वीडियो 6 जुलाई को ट्वीट किया था. उनका कहना था कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का है.
असहाय परिवार को कैसी बेरहमी से मारा जा रहा है, लोग मूक बने हैं, सरकार कोमा में है और अपराधी अताताई हो चुके हैं ! बाकी तस्वीरें इटवा ते पिपरी बुजुर्ग की हैं जो विचलित करने वाली हैं! @Uppolice @siddharthnagpol @juhiesingh @LambaAlka @Benarasiyaa pic.twitter.com/ssoLMQbTsc
— Prashant Shukla (प्रशान्त शुक्ल) (@pshukla8355) July 6, 2020
प्रशांत के ट्वीट के कमेंट सेक्शन में सिद्धार्थनगर पुलिस ने घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि यह घटना सांप्रदायिक नहीं है.
— SiddharthnagarPolice (@siddharthnagpol) July 8, 2020
पुलिस के मुताबिक यह घटना 6 जुलाई को सिद्धार्थनगर के इटवा बाजार की है, जहां एजाज नाम के एक व्यक्ति और उसके परिवार को कुछ लोगों ने लाठी डंडों से पीटा था. वायरल वीडियो में जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा है, वह एजाज के ही परिवार का है. पुलिस रिकॉर्ड में आरोपियों के नाम इस्तेखार, अनवर राजा, मोहम्मद कलीम और हलीम दर्ज हैं यानी आरोपी भी मुस्लिम हैं.
पुलिस का कहना है कि आरोपी और पीड़ित पक्ष के बच्चों के बीच झगड़े के बाद मारपीट की यह घटना हुई. पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया था. पत्रकार प्रशांत ने भी एक वीडियो भी ट्वीट किया था जिसमें एजाज उन लोगों के नाम बताते हुए नजर आ रहे हैं जिन्होंने उनकी और उनके परिवार की पिटाई की थी.
— Prashant Shukla (प्रशान्त शुक्ल) (@pshukla8355) July 6, 2020न्यूज वेबसाइट Jagran ने भी इस घटना के बारे में खबर प्रकाशित की थी.
इस तरह ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. इस घटना में पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से थे और यह घटना सांप्रदायिक नहीं है.