विजय रुपाणी के इस्तीफा देने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेंद्र पटेल ने शपथ ग्रहण कर ली है. पांच साल से ज्यादा गुजरात के सीएम रहने वाले विजय रुपाणी ने 11 सितंबर को अपना इस्तीफा दे दिया था. इस बीच सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज का एक वीडियो वायरल होने लगा है, जिसमें विजय रुपाणी को कार से लाल बत्ती हटाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि सादगी और नैतिकता का परिचय देते हुए विजय रुपाणी ने सीएम पद छोड़ने के बाद खुद ही अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली.
वीडियो को शेयर करते हुए लोग दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं पर तंज कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि एक विजय रुपाणी हैं जिन्होंने सीएम पद जाने के बाद अपने हाथों से लाल बत्ती हटा ली, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे खानदान भी हैं जिनका वीआईपी कल्चर के बिना मन नहीं लगता. इस तरह के अलग-अलग कैप्शन के साथ इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह वीडियो विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद का नहीं बल्कि 2017 का है. उस समय मोदी सरकार ने लाल बत्ती वाले वीआईपी कल्चर को खत्म करने का निर्णय लिया था जिसके चलते विजय रुपाणी ने अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली थी.
कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर वीडियो की सच्चाई सामने आ गई. विजय रुपाणी ने खुद इस वीडियो को 20 अप्रैल 2017 को ट्वीट किया था और लिखा था कि उन्होंने मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का सम्मान करते हुए अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली है.
Respecting Modi Govt's historic decision of ending Lal Batti culture, removed Red Beacon from my car. #EveryoneVIPinNewIndia pic.twitter.com/gwoIhojmYD
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) April 20, 2017
विजय रुपाणी के अलावा मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, छत्तीसगढ़ की पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित कई मंत्रियो ने लाल बत्ती को अपनी गाड़ी से हटा दिया था. मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत विपक्षी नेताओं ने भी किया था. फैसले में सिर्फ इमरजेंसी वाहनों को ही लाल या किसी अन्य रंग की बत्ती लगाने की इजाजत दी गई थी.
कुल मिलाकर यहां यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो चार साल से ज्यादा पुराना है, न कि हाल फिलहाल का. इसे विजय रुपाणी के इस्तीफे से जोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.