मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के कथावाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में हैं. उनके विरोधी जहां उन्हें ढोंगी बता रहे हैं, वहीं उनके समर्थकों को उनके चमत्कारों पर भरोसा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर किसी ग्रामीण इलाके में चल रहे दंगल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसे शेयर करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि इसमें कुश्ती जीतने वाले पहलवान आचार्य धीरेंद्र शास्त्री हैं.
करीब 17 सेकेंड के इस इस वीडियो में दिखता है कि भगवा धोती पहने एक पहलवान, सफेद धोती पहने और खुद से कहीं ज्यादा हट्टे-कट्टे दिख रहे पहलवान को उठा कर पटक देता है.
इस वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “ॐ बागेश्वराय नमः. बागेश्वर धाम के महाराज. श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी कुश्ती के दंगल में.”
ये वीडियो फेसबुक पर भी ऐसे ही दावे के साथ वायरल हो रहा है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो में कुश्ती जीतने वाले शख्स धीरेंद्र शास्त्री नहीं हैं. ये पाकिस्तान के सिंध सूबे के पहलवान गुलाम हुसैन पठान हैं.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें पाकिस्तान के एक यूट्यूब चैनल ‘सचल टीवी’ पर मिला . कुल 2 मिनट 19 सेकेंड के वीडियो में दिखता है कि एक मैदान में केसरिया धोती पहने एक पहलवान खुद से बहुत ज्यादा तगड़े पहलवान को चित कर देता है.
वायरल वीडियो, इसी वीडियो का एक छोटा हिस्सा है. इस वीडियो को छह नवंबर, 2020 को अपलोड किया गया था. इसके साथ दी गई जानकारी के मुताबिक इस कुश्ती को जीतने वाले पहलवान गुलाम हुसैन पठान हैं.
इस यूट्यूब चैनल पर गुलाम हुसैन पठान की कुश्ती के और भी कई वीडियो मौजूद हैं. खोजने पर हमें गुलाम हुसैन का यूट्यूब चैनल भी मिल गया. इस पर भी इनकी कुश्ती के वीडियो मौजूद हैं.
हमें ‘NTV News HD’ नाम के यूट्यूब चैनल पर 21 फरवरी, 2020 को अपलोड हुआ उनका एक इंटरव्यू भी मिला. इसमें वो बता रहे हैं कि वो 14 साल की उम्र से पहलवानी कर रहे हैं और सिंध के सबसे कम उम्र के पहलवानों में से एक हैं.
फेसबुक पर भी उनके नाम से एक प्रोफाइल है, जहां उनकी कुश्ती के वीडियो शेयर किए जाते हैं. इन तमाम सबूतों से यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान के इस पहलवान का वीडियो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का बताकर वायरल किया जा रहा है.
धीरेंद्र शास्त्री पिछले दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में कथावाचन के लिए गए थे. तभी वहां ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ ने उनके खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया गया. लेकिन, धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं.