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फैक्ट चेक: छात्रों के थाली बजाने वाले आंदोलन से जोड़कर वायरल हुई ‘जनता कर्फ्यू’ की तस्वीर

हमारी पड़ताल में सामने आया कि इस तस्वीर का छात्रों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. ये तस्वीर महीनों पुरानी है. ये तस्वीर मार्च में लगे एक दिन के जनता कर्फ्यू के समय सोशल मीडिया पर आई थी. उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की थी वे कोरोना वारियर्स का आभार व्यक्त करते हुए 22 मार्च को शाम के पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली-थाली बजाएं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे छात्र थाली बजाकर मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं. ये विरोध सरकारी नौकरियों की भर्तियों में हो रही सुस्ती को लेकर है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
छात्र नौकरियों में भर्ती को लेकर सरकार का विरोध जरूर कर रहे हैं, लेकिन वायरल तस्वीर का इससे कोई संबंध नहीं है. ये तस्वीर मार्च से इंटरनेट पर मौजूद है.

सरकारी नौकरियों में भर्तियों को लेकर सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कई दिनों से आंदोलन चल रहा है. छात्रों की मांग है कि सरकार समय पर परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करे, परीक्षाएं समय पर हों और रिजल्ट में देरी ना हो. छात्रों के आंदोलन के चलते ट्विटर पर लगातार परीक्षाओं से जुड़े कई हैशटैग भी ट्रेंड हो रहे हैं.

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इसी कड़ी में शनिवार को #5बजे5मिनिट हैशटैग ट्विटर ट्रेंड में आया. इस हैशटैग के मद्देनज़र छात्रों को 5 सितंबर को शाम के पांच बजे पांच मिनट के लिए थाली बजा कर केंद्र सरकार का विरोध करना था. हैशटैग को ट्रेंड करवाने का मकसद रेलवे सहित अन्य परीक्षाओं से जुड़ी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना था. इस हैशटैग के साथ थाली बजाते हुए छात्रों के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं. 

इस बीच ट्विटर पर #5बजे5मिनिट हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए एक तस्वीर खूब वायरल होने लगी. तस्वीर में युवाओं के एक समूह को रोड पर थाली सहित अन्य बर्तन बजाते हुए देखा जा सकता है. ट्विटर पर चल रहे छात्रों के आंदोलन से जोड़कर तस्वीर को हजारों लोग शेयर कर चुके हैं. लोग समझ रहे हैं कि तस्वीर में दिख रहे इन युवाओं ने शनिवार को थाली बजाकर केंद्र सरकार का विरोध किया. 

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क्या है सच्चाई?

हमारी पड़ताल में सामने आया कि इस तस्वीर का छात्रों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. ये तस्वीर महीनों पुरानी है. तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की एक खबर मिली, जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद थी. खबर के मुताबिक, ये तस्वीर मार्च में लगे एक दिन के जनता कर्फ्यू के समय सोशल मीडिया पर आई थी. उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की थी वे कोरोना वारियर्स का आभार व्यक्त करते हुए 22 मार्च को शाम के पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली-थाली बजाएं.

पीएम की इस अपील का लोगों ने खुल कर समर्थन किया था. ताली या थाली बजाते हुए लोगों की सैकड़ों तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आए थे. वायरल तस्वीर भी इन्हीं में से एक थी. इस तस्वीर को लेकर नाराजगी भी जताई गई थी, क्योंकि थाली बजाने के चक्कर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूल गए थे.

5 सितंबर को हुआ छात्रों का आंदोलन भी पीएम मोदी की  थाली बजाने की अपील की तर्ज़ पर ही था. इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए जिसमें छात्रों को रोड पर थाली बजाकर मोदी सरकार का विरोध करते हुए देखा जा सकता है.

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छात्रों के चल रहे इस प्रदर्शन के बीच शनिवार को पीयूष गोयल ने ट्विटर पर जानकारी दी कि 15 दिसंबर से रेलवे में विभिन्न पदों की परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया जाएगा. सरकार की इस घोषणा को छात्रों के आंदोलन से हुआ असर माना गया. यहां साबित होता है कि छात्र नौकरियों को लेकर सरकार का विरोध जरूर कर रहे हैं, लेकिन वायरल तस्वीर का इससे कोई नाता नहीं है. ये तस्वीर मार्च से इंटरनेट पर है.

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