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फैक्ट चेक: नहीं, इस आदमी ने हिंदुत्व के नाम पर नहीं जलाया तिरंगा झंडा

तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह आदमी “हिंदू आतंकवादी” है जो तिंरगे को जला रहा है क्योंकि वह तिरंगे की जगह भगवा झंडा फहराना चाहता है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक हिंदू ने भारत के राष्ट्रीय झंडे को जलाया क्योंकि वह तिरंगे की जगह भगवा लहराना चाहता है.
फेसबुक यूजर “ईस्लाम जिंदाबाद-islam zindabad”
सच्चाई
केंद्र सरकार की ओर से कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन नहीं करने के विरोध में एक व्यक्ति ने तिरंगा झंडा जलाया था.

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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक आदमी भारतीय तिरंगे झंडे को जलाता हुआ दिख रहा है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह आदमी “हिंदू आतंकवादी” है जो तिंरगे को जला रहा है क्योंकि वह तिरंगे की जगह भगवा झंडा फहराना चाहता है.

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यह दावा फेसबुक पेज “ईस्लाम जिंदाबाद-islam zindabad ” पर किया गया है. पोस्ट में फोटो के साथ कैप्शन में लिखा है, “ये है #हिन्दू_आतंकवादी श्री कृष्ण लाल भारतीय झंडे को जला रहा है। इस आतंकवादी का मानना है भारत हिन्दू राष्ट्र है यहां भगवा झंडा फहराया जाएगा तिरंगा नहीं ।”

हालांकि, यह पोस्ट पहली बार पिछले साल अगस्त में डाली गई, लेकिन यह एक बार फिर से वायरल हो रही है. स्टोरी लिखे जाने तक इसे 29,000 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

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पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. फोटो में जो आदमी दिख रहा है वह तमिलनाडु के एक स्कूल का अध्यापक है जिसने कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में झंडे को जलाया था. यह घटना पिछले साल अप्रैल की है.

AFWA की पड़ताल

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि वायरल हो रही फोटो एक ​ट्वीट में मौजूद है जिसे “Girish Bharadwaja ” ने ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में गिरीश ने दावा किया था कि तस्वीर में मौजूद व्यक्ति का नाम एम प्रभु है, जो कि तमिलनाडु के एक आर्ट स्कूल में अध्यापक है. उसने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए झंडे को राष्ट्रीय झंडे को जलाया.

हमें यही सूचना अप्रैल, 2018 की एक खबर से भी मिली. यह खबर कहती है कि प्रभु ने कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में तिरंगा झंडा जलाया. प्रभु ने फेसबुक पर इसका वीडियो भी पोस्ट किया था जिसके लिए उन्हें तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.

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कई मीडिया संस्थान जैसे The Times Of India और Deccan Chronicle ने इस घटना को लेकर खबर भी प्रकाशित की थी.

कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. इस मसले को हल करने के लिए एक कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड बनाने की भी मांग उठ रही थी. अंतत: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1 जून, 2018 को केंद्र सरकार ने कावेरी वॉटर मैनेजमेंट अथॉरिटी का गठन किया जो कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के बीच नदी के जल बंटवारे के मसले का समाधान तलाशेगी.

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