सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (11 फरवरी) को ब्रिटेन में एक ऐसे कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिसमें 53 देशों के अध्यक्ष शामिल थे. पोस्ट की तस्वीर में दिख रहा है कि पीएम मोदी बीच में खड़े हैं जबकि कुछ विदेशी उनका अभिवादन कर रहे हैं.
फेसबुक पोस्ट को यहां आर्काइव देखा जा सकता है. इंडिया टुडे फैक्ट चैक ने पाया कि वायरल गलत कहानी बयान कर रही है. ये तस्वीर एक साल पुरानी है. साथ ही, यह तस्वीर ब्रिटेन में नहीं बल्कि स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में आयोजित हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान ली गई थी.
फेसबुक पेज "I Support Modi" ने मंगलवार (12 फरवरी) को यह तस्वीर पोस्ट की. तस्वीर के ऊपर लिखा गया है: '200 साल तक हमें गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में कल 53 देशों के अध्यक्षों के बीच मोदी महा-अध्यक्ष थे. यह दृश्य देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया होगा. अगर आपको भी गर्व हुआ हो तो शेयर करना न भूलें.' खबर लिखे जाने तक यह पोस्ट करीब 1,600 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी थी.
दावे का सच जानने के लिए जब हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर पीएम मोदी के बीते साल दावोस दौरे की है. पीएम 22 जनवरी, 2018 को दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की चार दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. यहां उन्होंने दुनिया की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ राउंड टेबल मीटिंग भी की थी जिसमें 24 भारतीयों साहित 64 सीईओ शामिल हुए थे.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रवीश कुमार ने 23 जनवरी 2018 को यह तस्वीर ट्वीट कर कैप्शन में लिखा था: 'पीएम मोदी इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल इवेंट में टॉप ग्लोबल सीईओज के साथ चर्चा करते हुए.'
The world applauds 1.3 bn people of India at the @wef in #Davos appreciating the remarkable transformation in improving the business climate. PM @narendramodi interacting with the top global CEOs at the International Business Council event. #IndiaMeansBusiness pic.twitter.com/AfvfarnKGS
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) January 23, 2018
पीएम मोदी ने इस समिट के उद्घाटन समारोह में भाषण भी दिया था. 1997 के बाद ऐसा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे. उनसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा 1997 में इस समारोह में शामिल हुए थे. पीएम के इस दौरे को देश के तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने प्रमुखता से कवर किया था.
इंडिया टुडे फैक्ट चैक की पड़ताल में पोस्ट में किए गए दावे पूरी तरह से झूठे साबित हुए. यह तस्वीर ब्रिटेन में नहीं बल्कि स्विट्जरलैंड के दावोस में खींची गई और तस्वीर में नजर आ रहे विदेशी, राष्ट्रप्रमुख नहीं बल्कि कंपनियों के सीईओ हैं.