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देश में ऐसा पिछले कई चुनावों से देखा जा रहा है कि हारने वाले कुछ राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं.
ऐसा हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव अधिकारियों पर हेरा फेरी का आरोप लगाया. इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है. तस्वीरों में एक आदमी हाथों में बड़े बॉक्स पकड़े किसी सुनसान रास्ते से जाता हुआ दिख रहा है. देखने में ये बॉक्स ईवीएम जैसे लग रहे हैं. तस्वीरों को बिहार चुनाव से जोड़ते हुए दावा किया गया है कि ये आदमी ईवीएम चोरी करके कहीं ले जा रहा है. पोस्ट के जरिये नीतीश कुमार और चुनाव आयोग पर निशाना साधा जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. तस्वीरें 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय की है. तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति एक चुनाव कर्मचारी है. तस्वीरें उस समय खींची गई थी जब ये व्यक्ति चुनाव के दौरान दूर दराज के इलाके में स्थित पोलिंग स्टेशन जा रहा था.
तस्वीरों को शेयर करते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं "EVM की होगी जांच,नीतीश जाएंगे जेल? पूछता है युवा, पूछता है बिहार, EVM चोरी करके कहां ले जा रहा है।मोदी आयोग चोर है."
इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें "DISTRICT INFORMATION OFFICE, RAIGAD" नाम के एक अकाउंट से किया गया एक ट्वीट मिला. ये दोनों तस्वीरें ट्वीट में मौजूद थी. ये ट्वीट 20 अक्टूबर 2019 को किया गया था. तस्वीरें चुनाव कर्मचारियों की तारीफ करते हुए ट्वीट की गई थी. तस्वीरों को मराठी भाषा में ये लिख कर ट्वीट किया था कि कर्मचारी कलकराई जैसे दूर दराज के इलाकों में स्थित पोलिंग स्टेशन पहुंच रहे हैं. कलकराई महाराष्ट्र के रायगड जिले में एक जगह है. पिछले साल 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी थी. ये तस्वीरें भी उसी दौरान की हैं.
कळकराई सारख्या दुर्गम भागात मतदान केंद्रावर पोहोचणारे कर्मचारी. आम्हाला तुमचा सार्थ अभिमान आहे 🙏🏻#vidhansabha2019@CEO_Maharashtra
— DISTRICT INFORMATION OFFICE, RAIGAD (@InfoRaigad) October 20, 2019
@MahaDGIPR
@MahaCyber1 pic.twitter.com/c2f4ya5HOk
यहां साबित हो जाता है कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीरें एक साल से ज्यादा पुरानी है और इनका बिहार चुनाव से कोई लेना देना नहीं.