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फैक्ट चेक: मुस्लिम बारातियों के जबरन नॉनवेज खिलाने पर हिंदू ड्राइवर ने नदी में कुदाई बस? मनगढ़ंत है ये कहानी

एक बस हादसे की भयावह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक उफनती नदी में बस डूबी हुई दिखाई दे रही है और किनारे पर कुछ लोग बदहवास से खड़े हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये नब्बे के दशक में हुई एक दुर्घटना की फोटो है जिसमें मुसलमान बारातियों के जबरन नॉन-वेज खिलाने से खफा एक ब्राह्मण बस ड्राइवर ने बस चंबल नदी में कुदा दी थी. इस हादसे में 90 बारातियों की जान चली गई थी.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ऐसी कोई घटना हकीकत में नहीं हुई थी. इस काल्पनिक कहानी के साथ जिस बस दुर्घटना की फोटो शेयर हो रही है, वो भारत में नहीं, नेपाल में हुई थी.

एक बस हादसे की भयावह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक उफनती नदी में बस डूबी हुई दिखाई दे रही है और किनारे पर कुछ लोग बदहवास से खड़े हैं.

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ऐसी चर्चा है कि ये 90 के दशक में हुई एक बस दुर्घटना की फोटो है. इस दुर्घटना से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली कहानी भी सुनाई जा रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये घटना ताशिर मोहम्मद नामक एक शख्स के बेटे की शादी में घटी थी. बारात मुरैना से आगरा जा रही थी. कुछ बारातियों ने जबरन ब्राम्हण ड्राइवर को मांस खिलाया जिसके बाद उसने गुस्से में आकर बस चंबल नदी में कुदा दी. इस दुर्घटना में ड्राइवर समेत 90 यात्रियों की मौत हो गई.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ब्राह्मण बस ड्राइवर के नदी में बस कुदाने की पूरी कहानी मनगढ़ंत है. असलियत में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. वायरल तस्वीर में जिस बस दुर्घटना का नजारा दिख रहा है, वो भारत में नहीं बल्कि नेपाल में हुई थी.

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बिहार की एक स्थानीय वेबसाइट ‘डेली बिहार’ ने इस हैरान कर देने वाली कथित बस दुर्घटना को लेकर खबर छापी, हालांकि उसे बाद में हटा दिया गया.

वायरल तस्वीर की हकीकत

वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 'द काठमांडू पोस्ट' की एक न्यूज़ रिपोर्ट में मिली. अगस्त 2019 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ये बस काठमांडू में स्थित त्रिशूली नदी में गिरी थी. इस हादसे में करीब 5 लोगों की मौत हुई थी और 23 लोग लापता हो गए थे. ये हादसा तब हुआ था जब ये बस मलंगवा कस्बे से काठमांडू जा रही थी. तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन के मुताबिक, ये फोटो तब ली गई थी जब पुलिस कर्मी और रेस्क्यू टीम के सदस्य हादसे में लापता हुए यात्रियों को ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे थे.

बिना पुष्टि किए सोशल मीडिया पोस्ट को बनाया खबर
हमने ब्राह्मण बस ड्राइवर और मुस्लिम बरातियों वाली अजीबो-गरीब कहानी पर खबर छापने वाली वेबसाइट ‘डेली बिहार’ के हेड रोशन झा से संपर्क किया. रोशन ने हमें बताया कि उन्हें ये कहानी एक फेसबुक पोस्ट के रूप में मिली थी जिसे उन्होंने एक न्यूज़ रिपोर्ट के तौर पर अपनी वेबसाइट में छाप दिया. ‘आजतक’ से बातचीत के कुछ देर बाद ही ‘डेली बिहार’ ने खबर को अपनी वेबसाइट और सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स से हटा दिया.

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हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें ब्राह्मण बस ड्राइवर को जबरन नॉन वेज खिलाने पर हुई इस किस्म की किसी दुर्घटना का जिक्र हो. 90 के दशक में भी अगर 90 यात्रियों के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ होता तो ये एक बड़ी खबर होती और उसकी जानकारी कहीं ना कहीं जरूर मिलती.

इस बस ड्राइवर की कहानी को लेकर हमारी मुरैना के कुछ स्थानीय पत्रकारों से भी बात हुई थी. सभी ने यही कहा कि उन्होंने ऐसी किसी दुर्घटना के बारे में नहीं सुना.

हमें ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की साल 2009 की एक रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार, एक बस चंबल नदी के राजघाट पुल से गिर गई थी. इस घटना में 33 लोग मारे गए थे और आठ अन्य लोग घायल हो गए थे.

हमारी पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि नेपाल में हुए एक हादसे की तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर और भारत से जोड़कर पेश किया जा रहा है.

(सोनाली खट्टा और सौरभ भटनागर के इनपुट के साथ)

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