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फैक्ट चेक: रोशनी का कैनवस बनी ये इमारत जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस नहीं, ये है इस्तांबुल का गलाटा टावर

जलती-बुझती रोशनी से जगमगाती एक इमारत की फोटो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही है. इमारत पर थिरकती रोशनी की किरणें अतरंगी आकृतियां बना रही हैं जिन्हें देखने के लिए मजमा जुटा हुआ है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस वीडियो में दिख रही इमारत जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस बेहद खूबसूरत और हैरत में डाल देने वाली 3-डी लाइटिंग से जगमगाता है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
3-डी लाइटिंग से जगमगाती जिस इमारत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वो तुर्की के इस्तांबुल शहर का गलाटा टावर है.

जलती-बुझती रोशनी से जगमगाती एक इमारत की फोटो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही है. इमारत पर थिरकती रोशनी की किरणें अतरंगी आकृतियां बना रही हैं जिन्हें देखने के लिए मजमा जुटा हुआ है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस वीडियो में दिख रही इमारत जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस है.

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वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “यह जोधपुर का उमेद पैलेस किला है इसकी लाइटिंग देखिए लगेगा जैसे गुंबद गिर रहा है.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.  

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो तुर्की के शहर इस्तांबुल के गलाटा टावर का है, न कि जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस का.

फेसबुक पर बहुत सारे लोगों ने इस वीडियो में दिख रही इमारत को उम्मेद भवन पैलेस बताते हुए शेयर किया है. कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि इस खूबसरत इमारत को देखने का किराया तीन हजार रुपये है.

क्या है सच्चाई
साल 2018 में इस्तांबुल में एक यूथ फेस्टिवल का आयोजन हुआ था. इसी फेस्टिवल के दौरान वहां के गलाटा टावर को थ्री-डी लाइटिंग से रोशन किया गया था.

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हमने इनविड टूल के जरिये वीडियो के कीफ्रेम्स निकालकर उन्हें रिवर्स सर्च किया. हमें साल 2018 की एक फेसबुक पोस्ट मिली जिसमें अरबी भाषा में कैप्शन और कमेंट लिखे हैं. इन कमेंट्स का अनुवाद करने पर हमने पाया कि एक यूजर ने पूछा है, “ये टावर कहां है?”. इसके जवाब में दूसरे यूजर ने लिखा है, “इस्तांबुल में”.

इसी तरह एक तुर्की वेबसाइट पर भी हमें वायरल वीडियो मिला. यहां भी इसे 2018 में ही पोस्ट किया गया था. यहां इसके कैप्शन में बताया गया है कि ये गलाटा टावर का एक वीडियो मैपिंग शो है. साथ ही, वीडियो के नीचे ‘इस्तांबुल यूथ फेस्टिवल’ भी लिखा हुआ है.

कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें ‘Pro AVL Central’ यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला. यहां दिए गए वीडियो के कैप्शन से हमें पता चला कि गलाटा टावर पर ये खूबसूरत थ्री-डी लाइटिंग शो क्रीम स्टूडियो नाम की कंपनी ने किया था.

हमें ‘इस्तांबुल मेट्रोपॉलिटन म्यूनिसिपैलिटी’ का 2 मई 2018 का एक ट्वीट भी मिला जिसमें वायरल वीडियो को शेयर किया गया है. इस ट्वीट के साथ तुर्की भाषा में कैप्शन लिखा हुआ है जिसका हिंदी तर्जुमा है, ‘इस्तांबुल यूथ फेस्टिवल’ के प्रचार के लिए गलाटा टावर को रंगीन रोशनियां से रंग दिया गया.

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हमने जोधपुर के उम्मेद भवन की फोटो की तुलना वायरल वीडियो में दिख रही इमारत से की. ये साफ देखा जा सकता है कि दोनों इमारतें अलग-अलग हैं.

जाहिर है कि इस्तांबुल के गलाटा टावर के वीडियो को जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस का वीडियो बताकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
 

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