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फैक्ट चेक: मुस्लिम पर्यटकों का पसंदीदा है जापान, फिर भी यहां मुस्लिमों को वीजा न मिलने की उड़ी अफवाह

क्या जापान में अपराध इसलिए कम हैं क्योंकि वह ​मुसलमानों को वीजा नहीं देता? सोशल मीडिया पर तो कुछ ऐसा ही हैरतअंगेज दावा किया जा रहा है. कई यूजर कह रहे हैं कि जापान दुनिया का एकमात्र देश है जहां मुसलमानों को वीजा नहीं दिया जाता और इसी वजह से वहां अपराध का नामोनिशान नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जापान दुनिया का एकमात्र देश है जो मुसलमानों को वीजा नहीं देता. यही वजह है कि वहां अपराध नहीं होते.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये बात महज अफवाह है कि जापान मुसलमानों को वीजा नहीं देता. हालांकि, ये सच है कि वहां अपराध दर काफी कम है.

क्या जापान में अपराध इसलिए कम हैं क्योंकि वह ​मुसलमानों को वीजा नहीं देता? सोशल मीडिया पर तो कुछ ऐसा ही हैरतअंगेज दावा किया जा रहा है. कई यूजर कह रहे हैं कि जापान दुनिया का एकमात्र देश है जहां मुसलमानों को वीजा नहीं दिया जाता और इसी वजह से वहां अपराध का नामोनिशान नहीं है.  

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ऐसी ही एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “जापान दुनिया का एकमात्र देश है जो किसी भी मुस्लिम को वीजा नहीं देता. और इसीलिए पूरे विश्व में अकेले जापान में ही क्राइम रेट "0%" है. और आंतकवाद का नामोनिशान नहीं है. हमारे भारत में तो वोटबैंक के दलाल नेता "आतंकवाद का कोई मजहब नही होता.”  

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जापान में मुसलमानों को वीजा देने पर पाबंदी की बात बेबुनियाद है. हां, ये बात सही है कि वहां अपराध की दर बेहद कम है.

जापान में मुसलमानों को वीजा दिए जाने की मनाही का दावा करती एक ट्विटर पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

जापान के वीजा एप्लीकेशन में धर्म का कॉलम ही नहीं है

सबसे पहले हमने जापान के वीजा एप्लीकेशन फॉर्म को बारीकी से देखा. इस एप्लीकेशन में कहीं भी धर्म का कॉलम नहीं है. जाहिर है, जब धर्म के बारे में पूछा ही नहीं जाता तो उसके आधार पर वीजा​ रिजेक्ट कैसे किया जा सकता है?

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हमने जापानी दूतावास के एक अधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने भी हमें यही बताया कि जापान में मुसलमानों को वीजा दिए जाने पर कोई रोक नहीं है. कुछ मुस्लिम देशों के नागरिक बिना वीजा भी जा सकते हैं जापान  

दुनिया के 68 देश ऐसे हैं जिसके नागरिक बिना वीजा के जापान की यात्रा कर सकते हैं. इनमें तुर्की और यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश भी शामिल हैं. हालांकि इस सुविधा के लिए इन देशों के नागरिकों को कुछ विशेष तरह के ई-पासपोर्ट बनवाने होते हैं.

वर्तमान में कोविड महामारी के चलते बिना वीजा जापान यात्रा की सुविधा 68 में से सिर्फ सात देशों को ही दी जा रही है.

मुस्लिम पर्यटकों के पसंदीदा टॉप 20 देशों में है जापान

पर्यटन के लिहाज से जापान मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. ‘मास्टरकार्ड क्रेसेंट रेटिंग ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवेल इंडेक्स’ संस्था ने हाल ही में ऐसे गैर-इस्लामिक देशों की सूची जारी की थी जो मुस्लिम पर्यटकों के पसंदीदा हैं. टॉप 20 देशों की इस सूची में जापान सातवें नंबर पर है.

  

‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भी जापान जैसे गैर-मुस्लिम देशों में बढ़ते मुस्लिम पर्यटन के चलन पर एक विस्तृत रिपोर्ट छापी थी.

जापान में सचमुच कम हैं अपराध  
जहां तक आतंकवाद का सवाल है तो जापान में आतंकवाद की कई वारदात हो चुकी हैं. हालांकि, पिछले कई सालों से वहां कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. यहां अपराध दर शून्य तो नहीं है, पर ये काफी कम है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बीते साल फोर्ब्स मैग्जीन की ओर से जारी दुनिया के दस सबसे सुरक्षित देशों की सूची में जापान का भी नाम शामिल था.

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कुछ खबरों के मुताबिक, जापान ने हाल ही में फैसला किया है कि वो अफगानिस्तान में फंसे जापानियों के साथ ही वहां जापान एम्बेसी में काम करने वाले अफगान नागरिकों को भी निकालेगा. जरूरत पड़ी तो उन्हें अपने यहां शरण भी देगा. इस मसले को लेकर तालिबान से बातचीत के लिए जापान ने दोहा में एक अस्थायी ऑफिस बनाया है. जापान के इस रुख को लेकर बहुत सारे लोग हैरानी जता रहे हैं क्योंकि शरणार्थियों को पनाह देने के मामले में जापान का रुख काफी सख्त रहा है. साल 2020 में जापान में सिर्फ 47 लोगों को शरणार्थी के तौर पर रहने की इजाजत दी गई थी.

साफ है कि जापान में अपराध कम होने की बात को सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया जा रहा है.

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