सोशल मीडिया पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में गहलोत एक धार्मिक टोपी पहने हुए हैं और कुछ लोगों के साथ एक खास तरह के दरवाजे से बाहर निकलते हुए दिख रहे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में पटाखे बैन करने के बाद गहलोत एक मस्जिद में दुआ मांगने गए. कुछ दावों में ये भी कहा गया है कि गहलोत नमाज पढ़कर बाहर निकल रहे हैं. बता दें कि प्रदूषण और कोरोना के चलते राजस्थान सरकार ने राज्य में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है.
वीडियो को शेयर करते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, "पटाखे बैन करके प्रदूषण न फैलने की मस्जिद में दुआ मांगी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने"
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये वीडियो जनवरी 2019 का है जब अशोक गहलोत राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित एक दरगाह पर गए थे.
इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर किया जा रहा है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
वीडियो को कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें राजस्थान में कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह यादव का एक फेसबुक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में कुछ तस्वीरें मौजूद थीं जिसमें वही जगह और लोग दिख रहे हैं जैसा कि वायरल वीडियो में देखे जा सकते हैं. ये पोस्ट 28 जनवरी 2019 को साझा की गई थी. पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, "माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी के साथ डूंगरपुर की गलियाकोट दरगाह में जियारत कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की".
माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी के साथ डूंगरपुर की गलियाकोट दरगाह में जियारत कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
Rajendra Singh Yadav द्वारा इस दिन पोस्ट की गई सोमवार, 28 जनवरी 2019
वीडियो को लेकर हमें 'फर्स्ट इंडिया' न्यूज़ चैनल का एक यूट्यूब वीडियो भी मिला. इस न्यूज़ वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा आठ मिनट के बाद देखा जा सकता है. 'फर्स्ट इंडिया' के मुताबिक अशोक गहलोत डूंगरपुर के गलियाकोट कस्बे में स्थित पीर फखरुद्दीन बाबा की दरगाह पहुंचे थे. ये वीडियो उसी समय बनाया गया था.
अशोक गहलोत की वेबसाइट पर भी इस बारे में जानकारी दी गई है. डूंगरपुर के इस दौरे में अशोक गहलोत गलियाकोट के प्राचीन शीतला मंदिर भी पहुंचे थे जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की थी.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दवा गलत है. ये वीडियो लगभग दो साल पुराना है जब अशोक गहलोत एक दरगाह में गए थे न कि मस्जिद में.