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फैक्ट चेक: किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए RSS कार्यकर्ता ने बांटे खालिस्तानी पर्चे? जानें पूरी सच्चाई

सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो के जरिये दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में एक आरएसएस कार्यकर्ता पकड़ा गया है, जो आंदोलन को बदनाम करने के लिए खालिस्तान के समर्थन वाले पर्चे बांट रहा था. वीडियो में एक न्यूज रिपोर्टर एक व्यक्ति से सवाल-जवाब करते हुए देखा जा सकता है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
आरएसएस कार्यकर्ता किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए खलिस्तानी पर्चे और स्टीकर बांटते हुए पकड़ा गया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये शख्स किसान आंदोलन में कृषि कानूनों के सर्मथन और आंदोलन के विरोध में पर्चे फेंकते हुए पकड़ा गया था. उसके मुताबिक, ये काम उसने आरएसएस से जुड़े एक आदमी के कहने पर किया.

सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो के जरिये दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में एक आरएसएस कार्यकर्ता पकड़ा गया है, जो आंदोलन को बदनाम करने के लिए खालिस्तान के समर्थन वाले पर्चे बांट रहा था. वीडियो में एक न्यूज रिपोर्टर एक व्यक्ति से सवाल-जवाब करते हुए देखा जा सकता है. व्यक्ति रिपोर्टर को बता रहा है कि रूपेंद्र नाम के किसी आदमी ने उसे पर्चे बांटने को कहा था. व्यक्ति कह रहा है कि उसे पिछले एक साल से बीजेपी, आरएसएस, श्रीराम और प्रधानमंत्री मोदी का प्रचार-प्रसार करने की ट्रेनिंग मिल रही थी. वीडियो में व्यक्ति अपनी गलती भी मान रहा है और साथ ही किसानों की तारीफ करते हुए बोल रहा है कि पकड़े जाने के बाद उसके साथ अच्छा बर्ताव हुआ.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरा सच नहीं है. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति किसान आंदोलन में ही पकड़ा गया था, लेकिन ये झूठ है कि वह खालिस्तानी पर्चे बांट रहा था. लोगों ने इस व्यक्ति को कृषि कानूनों के सर्मथन और किसान आंदोलन के विरोध में पर्चे फेंकते हुए पकड़ा था. इस शख्स के मुताबिक, ये काम उसने पैसों के लिए आरएसएस से जुड़े एक आदमी के कहने पर किया था.

इस वीडियो को शेयर करते हुए लोग अंग्रेजी में एक कैप्शन लिख रहे हैं जिसका हिंदी अनुवाद इस तरह से है, "आरएसएस कार्यकर्ता किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए खलिस्तानी पर्चे और स्टीकर बांटते हुए पकड़ा गया. आदमी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है." ये वीडियो अंग्रेजी कैप्शन के साथ फेसबुक और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

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क्या है सच्चाई?
वायरल वीडियो में 'On AIR' लिखा एक लोगो नजर आ रहा है. खोजने पर पता चला कि 'On AIR' एक डिजिटल मीडिया चैनल है. वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने 'On AIR' के एडिटर सिमरनजोत सिंह मक्कड़ से संपर्क किया. सिमरनजोत ने हमें बताया कि ये वीडियो दिल्ली के सिंघु बॉर्डर का है और इसमें दिख रहा रिपोर्टर वे खुद हैं. सिमरनजोत का कहना था कि ये सच है कि इस व्यक्ति को किसान आंदोलन के विरोध में पर्चे बांटते हुए पकड़ा गया था, लेकिन खालिस्तानी पर्चे वाली बात गलत है. इस व्यक्ति के पास खालिस्तान के समर्थन में कोई पर्चे नहीं थे. वायरल वीडियो एक 26 मिनट लंबे फेसबुक लाइव से उठाया गया है जो सिमरनजोत ने 20 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर बनाया था.

हमनें इस फेसबुक लाइव को ध्यान से पूरा सुना. वीडियो में कहीं पर भी खालिस्तान के पोस्टर को लेकर चर्चा नहीं हुई है. इस वीडियो में सिमरनजोत सहित कुछ अन्य रिपोर्टर भी इस व्यक्ति से सवाल करते हुए नजर आ रहे हैं. व्यक्ति बता रहा है कि उसका नाम विकास प्रसाद मंडल है और वो रांची का रहने वाला है. विकास के मुताबिक, उसे इस तरह के पर्चे बांटने का काम रूपेंद्र नाम के किसी व्यक्ति ने दिया था और रूपेंद्र आरएसएस के एक कार्यकर्ता उपदेश राणा से जुड़ा है. विकास वीडियो में कह रहा है कि उसे लोगों को आरएसएस के प्रति प्रेरित करने, मोदी-बीजेपी का प्रचार करने और प्रधानमंत्री का बचाव करने की ट्रेनिंग दी जाती है.

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आंदोलन को लेकर सवाल पर विकास बता रहा है कि उसे 'मोदी जिंदाबाद' के नारे और किसानों का विरोध करने के लिए कहा गया था. विकास के अनुसार, इस काम के लिए उसे पैसे मिलने की बात भी कही गई थी लेकिन अभी तक कुछ मिला नहीं. इस फेसबुक लाइव में कई बार कुछ पर्चो को दिखाया गया है जिनमें अलग-अलग स्लोगन लिखे हैं. पर्चों में लिखे स्लोगन कुछ इस तरह से हैं. 

"कभी शाहीन बाघ में, कभी बॉर्डर पर"
"ज्यादा लोकतंत्र का मजाक मत बनाओ"
"देशवासियों राजनीती समझो"

"I SUPPORT FARMER BILL" (मैं किसान बिल  समर्थन करता हूं)

"SAVE COUNTRY FROM UNNECESSARY ELEMENTS" (देश को अनावश्यक तत्वों से बचाएं)

विकास ने मुताबिक, पर्चों में लिखे स्लोगन उसे रूपेंद्र ने भेजे थे और इन्हें किसान आंदोलन में दिखाने के लिए कहा था. वीडियो में दिख रहे पर्चों में हमें कहीं पर भी खालिस्तान के समर्थन में कुछ लिखा नजर नहीं आया. फेसबुक लाइव में सिमरनजोत किसान आंदोलन के कुछ लोगों से भी बात करते हुए देखे जा सकते हैं जिन्होंने इस आदमी (विकास) को पकड़ा था. इनमें से भी कोई व्यक्ति खालिस्तान के पर्चे वाली बात का जिक्र नहीं कर रहा.

जानकारी को पुख्ता करने के लिए हमने कुंडली पुलिस स्टेशन में भी संपर्क किया. सिंघु बॉर्डर पर इस व्यक्ति को हिरासत में लेने के लिए कुंडली पुलिस स्टेशन के ही पुलिसकर्मी गए थे. हमारी बात एसएचओ रवि कुमार से हुई. रवि ने ये बात साफ कर दी कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. रवि ने भी यही कहा कि इस व्यक्ति के पास कृषि कानून के समर्थन में कुछ पोस्टर जरूर थे, लेकिन खालिस्तानी पोस्टर वाली बात झूठ है.

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यहां पर इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा पूरी तरह से सही नहीं है. ये आदमी आरएसएस से सीधे तौर पर जुड़ा है या नहीं, ये कह पाना मुश्किल है. लेकिन ये बात गलत है कि व्यक्ति को किसान आंदोलन में खालिस्तान के समर्थन में पर्चे बांटते हुए पकड़ा गया था.

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सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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