
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के नाम और तस्वीर के साथ एक मैसेज वायरल हो रहा है. इसमें लिखा है कि वोटर लिस्ट में नाम न होने की स्थिति में मतदाता को ‘चुनौती वोट’ डालने का अधिकार है. साथ ही, ये भी लिखा है कि अगर किसी मतदाता का वोट उसकी जगह कोई और डाल जाए, तो असली मतदाता टेंडर्ड वोट डाल सकता है.
हमने पाया कि न तो वोटर लिस्ट में नाम न होने पर वोट डाला जा सकता है और न ही कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने ऐसा कोई बयान दिया है. हालांकि ये बात सच है कि अगर किसी व्यक्ति के नाम पर कोई और शख्स वोट डाल जाए, तो वो असली मतदाता टेंडर्ड वोट के जरिये मतदान कर सकता है.
तो आइए, एक-एक करके वायरल पोस्ट में किए गए दावों की बात करते हैं.
1.क्या मतदाता सूची में नाम न होने पर चुनौती वोट के तहत आधार कार्ड या वोटर कार्ड दिखाकर वोट दिया जा सकता है?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वोट देने के लिए वोटिंग लिस्ट में नाम होना जरूरी है. वो कहते हैं, “चुनौती वोट, यानी चैलेंज्ड वोट तब दिया जाता है, जब किसी पोलिंग एजेंट को लगता है कि कोई व्यक्ति फर्जी वोट डालने की कोशिश कर रहा है. ऐसा लगने पर पोलिंग एजेंट पीठासीन अधिकारी से कह कर उस शख्स के वोट को चैलेंज कर सकता है. इसके बाद पीठासीन अधिकारी उस
व्यक्ति के दस्तावेजों की जांच करता है. अगर पीठासीन अधिकारी जांच से संतुष्ट रहा, तो उसे वोट देने दिया जाता है. पर, अगर संतुष्ट नहीं रहा, तो उसे वोट देने की अनुमति नहीं मिलती.”
चैलेंज्ड वोट या चुनौती वोट के बारे में विधि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी दी गई है.
2.अगर किसी वोटर की जगह कोई और व्यक्ति फर्जी मतदान कर गया है, तो क्या असली वोटर टेंडर्ड वोटिंग के जरिये वोट डाल सकता है?
ये बात सही है. अगर आपका वोट आपकी जगह कोई और डाल गया है, तो आप टेंडर्ड वोटिंग के प्रावधान के तहत अपना वोट डाल सकते हैं. इसके लिए आपको बस पीठासीन अधिकारी को अपने दस्तावेज दिखाने होंगे और उनके कुछ सवालों का जवाब देना होगा. उनके संतुष्ट होने पर आपको वोट डालने की अनुमति दे दी जाएगी. टेंडर्ड वोट बैलेट पेपर के जरिये डाला जाता है.
‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये वोट तब काम आते हैं, जब वोटों की गिनती में पहले और दूसरे नंबर पर चल रहे प्रत्याशियों की जीत का फासला काफी कम होता है. जीत का अंतर बड़ा होने पर ये वोट नहीं गिने जाते.
3.क्या किसी पोलिंग बूथ में 14 प्रतिशत से ज्यादा टेंडर्ड वोट पड़ने पर वहां दोबारा मतदान होता है?
ऐसा कोई नियम नहीं है. विधि मंत्रालय या चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है. कन्हैया कुमार की टीम के सदस्य धनंजय कुमार ने ‘आजतक’ को बताया कि कन्हैया ने न तो ऐसा कोई बयान दिया है और न ही सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ लिखा है.
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इस दावे को भ्रामक बताया है.
दावा : अगर आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है तो आप "चुनौती वोट" मांग कर वोट डाल सकते हैं#PIBFactCheck
▶️ ये दावा फर्जी है
▶️ मतदाता सूची में नाम न होने पर वोट नहीं डाला जा सकता
▶️ ऐसे भ्रामक मैसेज शेयर ना करें
🔗 https://t.co/Pj3ry8z9j1 pic.twitter.com/v5Kk2jHSbj
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 23, 2022
साफ है कि वोटिंग के नियमों से जुड़े एक भ्रामक मैसेज को कांग्रेस नेता कन्हैया का बयान बताकर शेयर किया जा रहा है, ताकि लोग उस पर यकीन कर लें.