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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की वजह से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक महिला की बेरहमी से पिटाई का विचलित कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसके जरिए ममता सरकार पर निशान साधा जा रहा है.
वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि बंगाल में एक हिंदू महिला की मुस्लिमों ने पुलिस के सामने बेरहमी से पिटाई कर दी. वीडियो में दिखता है कि पुलिस की गाड़ी के पास कुछ लोग मिलकर एक महिला की बेरहमी से पीट कर रहे हैं. एक पुलिसकर्मी लोगों को रोकने की कोशिश रहा है मगर बेकाबू भीड़ रुक नहीं रही.
वायरल वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पुलिस के सामने ही शरिया कानून के तहत एक हिंदू महिला को मुल्ले सजा दे रहे है पुलिस केसे तमाशबीन बनी हुई है कहा गया सविधान , मानवाधिकार की दुहाई देने वाले । कांगेस ,सपा, ऐसी स्थिति पूरे देश में लागू कर्णचाहते है।बड़े शर्म की बात है कुछ हिंदू इसके समर्थन में है”
वायरल वीडियो को इन्हीं दावों के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल के बारासात का है, जहां बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते भीड़ ने दो मुस्लिमों पर हमला किया था, न कि किसी हिंदू पर.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमें गाड़ी पर बारासात पुलिस लिखा दिखा. बारासात, पश्चिम बंगाल का एक शहर है. इस जानकारी के आधार पर खोजने पर हमें जून 2024 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें एक महिला और एक पुरुष की भीड़ द्वारा पिटाई किए जाने का जिक्र है. भीड़ को शक था कि ये लोग बच्चा चोर गिरोह से जुड़े हुए हैं.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जून 2024 को बारासात में भीड़ ने तीन लोगों की पिटाई की थी. एक घटना मोल्लाहपुरा की थी जहां एक आदमी को पीटा गया था. वहीं दूसरी घटना कामाख्या मंदिर के पास हुई थी जहां एक औरत और एक आदमी को भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में पीटा था. वायरल वीडियो इसी जगह का है.
हमें ‘कोलकाता टीवी’ की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमें बारासात एसपी प्रतीक्षा झरखारिया ने इन घटनाओं के बारे में बता रही हैं. उन्होंने कहा था कि जिन तीन लोगों को पीटा गया था वो बच्चा चोर नहीं थे. उन पर ये हमला सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों की वजह से हुआ था.
हमें बरासात पुलिस की वेबसाइट पर इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर की कॉपी भी मिली. 19 जून को दर्ज हुई इस एफआईआर के अनुसार, पुलिस ने महिला और पुरुष को पीटने वाले दस से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके नाम सुराजित डे, बाबलू दास, अमृत मण्डल, डोलोन दास, अयान साहा और अन्य थे.
हमने देखा कि एफआईआर के अनुसार, 32 वर्षीय पीड़ित महिला का नाम महरबानो बीबी और 36 वर्षीय पुरुष का नाम सादिक था. इससे ये बात साफ हो जाती है कि वे हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम थे. इन दोनों की हालत नाजुक थी जिसकी वजह से इन्हें बारासात हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था.
यही वीडियो भ्रामक दावों के साथ जुलाई में भी वायरल हुआ था तब बरासात पुलिस ने कहा था कि इन लोगों की पिटाई सिर्फ अफवाहों की वजह से हुई थी. हमने बारासात की एसपी प्रतीक्षा झरखारिया से भी संपर्क करने की कोशिश की. उनका बयान आने पर खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.
इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो में भीड़ द्वारा पिटाई का शिकार हुई महिला हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम है.