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फैक्ट चेक: पारिवारिक विवाद में हुई महिला की पिटाई, वीडियो सांप्रदायिक रंग देकर वायरल

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह घटना उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक पारिवारिक विवाद से जुड़ी है और सांप्रदायिक नहीं है. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पीड़ित और आरोपी दोनों हिंदू हैं और एक ही परिवार से हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
भारत में मुस्लिम महिला की बेरहमी से पिटाई का वीडियो.
ट्विटर यूजर “Ali Keskin” और अन्य
सच्चाई
महिला से मारपीट की यह घटना पारिवारिक विवाद का मामला है, यह कहीं से भी सांप्रदायिक नहीं है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग सड़क किनारे एक महिला को बुरी तरह से पीट रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि चार पांच लोग हाथ से, पैरों से, डंडे से, बुरी तरह महिला की पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में एक पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहा है, लेकिन वह कोई दखल नहीं देता दिख रहा है.

इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि भारत में मुसलमानों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाता है. एक वेरीफाइड ट्विटर यूजर “Ali Keskin” ने 75 सेकेंड का यह वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, “भारत में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जाता है और अगर हम उनकी रक्षा नहीं करेंगे तो उनका उत्पीड़न जारी रहेगा. यह एकजुट होने का समय है. भारत सरकार जवाबदेह होगी.”

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह घटना उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक पारिवारिक विवाद से जुड़ी है और सांप्रदायिक नहीं है. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पीड़ित और आरोपी दोनों हिंदू हैं और एक ही परिवार से हैं.

स्टोरी लिखे जाने तक Ali Keskin के ट्वीट को 4,300 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और इसे 2,300 से ज्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. यह वीडियो इसी भ्रामक दावे के साथ फेसबुक पर भी वायरल है.

पड़ताल में क्या मिला?

कुछ संबंधित कीवर्ड्स की मदद से हमने पाया कि कई सोशल मीडिया यूजर ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि यह वीडियो रेहरा बाजार, बलरामपुर, उत्तर प्रदेश का है.

हमें इस वीडियो से जुड़ी कुछ न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं. “अमर उजाला ” के मुताबिक, महिला का नाम सुशीला है और उसके पति अशोक ने घर बेचने से जुड़े विवाद को लेकर सुशीला को पीटा था.

बाद में अशोक के दो भाई और तीन भतीजों ने भी अशोक के साथ मिलकर महिला को पीटा. इस दौरान घटनास्थल पर पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. महिला के पति समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने इस मामले का संज्ञान लिया और उन दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया जो मौके पर मौजूद थे लेकिन मारपीट में दखल नहीं दिया. नीचे दिए गए लिंक पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी देखी जा सकती है.

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बलरामपुर पुलिस से भी हमने बातचीत ​की, जिसमें पुलिस ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. एसएचओ विनोद अग्निहोत्री ने बताया, “पीड़ित और आरोपी दोनों हिंदू हैं और एक ही परिवार से हैं, इसलिए यह मामला कहीं से भी सांप्रदायिक नहीं है.” जाहिर है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सांप्रदायिक दुर्भावना से प्रेरित है, जबकि महिला की पिटाई पारिवारिक विवाद के चलते हुई थी.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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