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फैक्ट चेक: स्टैचू ऑफ लिबर्टी की प्रेरणा नहीं थी ये महिला, जानिए इस फोटो की असली कहानी

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर जिस महिला की फोटो को ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बताई जा रही है, वो बास उटरवाएक नाम के एक आर्टिस्ट की कल्पना है जिसे आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया था. वहीं अमेरिका की ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ रोम की देवी ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ से प्रेरित है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर उस महिला की है, जो अमेरिका की मशहूर ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बनी.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तस्वीर नीदरलैंड में रहने वाले आर्टिस्ट बास उटरवाएक की कल्पना है जिसे उन्होंने आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई थी. ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा रोम की देवी ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ थीं.

बोलती आंखों वाली एक खूबसूरत महिला की फोटो शेयर करते हुए लोग सोशल मीडिया पर दावा कर रहे हैं कि ये वही महिला है जिसे देखकर अमेरिका की मशहूर मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ गढ़ी गई थी.

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“इस फोटो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “जिस महिला को देखकर ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की मूर्ति बनाई गई थी, उसकी तस्वीर.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर जिस महिला की फोटो को ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बताया जा रहा है, वो बास उटरवाएक नाम के एक आर्टिस्ट की कल्पना है जिसे आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया था. वहीं अमेरिका का ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ रोम की देवी ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ से प्रेरित है.

फेसबुक पर बहुत सारे लोग वायरल फोटो को ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बताते हुए शेयर कर रहे हैं.

ऐसी ही एक पोस्ट को खबर लिखे जाने तक तकरीबन दो हजार लोग शेयर कर चुके थे.

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क्या है सच्चाई
अमेरिका की ऐतिहासिक धरोहरों की देखरेख करने वाली संस्था ‘नेशनल पार्क सर्विस’ के मुताबिक, ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की मूर्ति साल 1886 में बनी थी. इस मूर्ति का चेहरा और इसके परिधान रोम की ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ से प्रेरित हैं.  

वायरल फोटो की कहानी

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च के जरिये तलाशने पर ये हमें ‘याहू डॉट कॉम’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट में मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, ये फोटो नीदरलैंड के एम्स्टर्डम शहर में रहने वाले आर्टिस्ट बास उटरवाएक ने आर्टि‍फि‍शियल इंटेलि‍जेंस तकनीक की मदद से बनाई थी. रिपोर्ट में लिखा है कि ये तस्वीर उटरवाएक की कल्पना है कि ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ का इंसानी रूप कैसा होता.

उटरवाएक ने 6 नवंबर 2020 को ये फोटो अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट्स के जरिये शेयर की थी.

एक इंटरव्यू में उटरवाएक बताते हैं, “मेरा मकसद है, उन सभी लोगों की सजीव तस्वीरें बनाना, जिनकी मृत्यु फोटोग्राफी के आविष्कार से पहले ही हो गई थी. आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों के पोर्टेट बनाने के लिए मैं आर्ट ब्रीडर नाम का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करता हूं.”


‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उटरवाएक असली लोगों के अलावा काल्पनिक किरदारों की भी तस्वीरें बनाते हैं, जैसे ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ और ‘द गर्ल विद द पर्ल ईयररिंग’.

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जाहिर है कि वायरल फोटो आर्टि‍फि‍शियल इंटेलि‍जेंस की मदद से बनाई गई एक काल्पनिक तस्वीर मात्र है.
 

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