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फैक्ट चेक: हाथरस कांड में मारी गई लड़की की गलत तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल

पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. इसी बीच कई लोग गन्ने के खेत में खड़ी मुस्कुराती हुई एक लड़की की फोटो शेयर कर रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
गन्ने के खेत में खड़ी एक लड़की की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये हाथरस गैंगरेप की पीड़िता है, जिसकी दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तस्वीर हाथरस कांड पीड़िता की नहीं है. लड़की के परिवार ने भी इस बात की पुष्टि की है. इस लड़की का हाथरस केस से कोई लेना-देना नहीं है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की पीड़िता ने 29 सितंबर, 2020 की सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. 14 सितंबर को चार लोगों ने इस 19 वर्षीय लड़की का कथित तौर सामूहिक बलात्कार किया था.

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पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. इसी बीच कई लोग गन्ने के खेत में खड़ी मुस्कुराती हुई एक लड़की की फोटो शेयर कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यही लड़की हाथरस गैंगरेप पीड़िता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर गन्ने के खेत में खड़ी जिस लड़की की फोटो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के नाम से शेयर की जा रही है, वह दरअसल कोई और लड़की है.

यह दावा ट्विटर पर खूब वायरल है. मोटिवेशनल स्पीकर और यूट्यूबर गीत ने भी इस तस्वीर को हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के नाम वाले हैशटैग के साथ शेयर किया. उन्होंने लिखा, “इस मासूम बच्ची पर क्या बीती होगी, यह सोच कर ही मेरा दिल कांप जाता है. इसका गैंगरेप हुआ, जीभ काटी गई, गर्दन और रीढ़ की हड्डी तोड़ी गई... इतना जुल्म किसी को भी न सहना पड़े! आखिर हर चीज की एक हद होती है. बदलाव आना चाहिए. अभी.” खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को तकरीबन 1900 लोग शेयर कर चुके थे. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

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इसी तरह एक अन्य यूजर अनु तोमर ने भी वायरल फोटो को शेयर करते हुए लिखा, “निर्भया की तरह ही उत्तर प्रदेश के हाथरस की एक 19 वर्षीय बच्ची का सामूहिक बलात्कार हुआ. उसकी जीभ काटी गई, रीढ़ की हड्डी और गरदन को चोट पहुंचाई गई.” खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को तकरीबन 1800 लोग शेयर कर चुके थे. 

‘जनभारत टाइम्स’, ‘तेलुगुसर्कल्स’, ‘भारतहेडलाइंस’ और ‘पब्लिसिस्ट रिकॉर्डर’ जैसी कई वेबसाइट्स ने भी अपनी खबरों में वायरल तस्वीर को ही हाथरस गैंगरेप पीड़िता की तस्वीर के तौर पर इस्तेमाल किया है. इन वेबसाइट्स में छपी रिपोर्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.

दावे की पड़ताल

हमने हाथरस में रहने वाले गैंगरेप पीड़िता के परिवार को वायरल तस्वीर भेजी. पीड़िता के भाई ने तस्वीर को देखकर कहा कि यह उनकी बहन नहीं है. परिवार के अन्य सदस्यों ने भी इस बात की पुष्टि की कि वायरल तस्वीर में जो लड़की गन्ने के खेत में खड़ी दिख रही है, वह कोई और ही है.

आजतक के हाथरस संवाददाता राजेश सिंघल ने हमें पीड़िता के इंटरव्यू का एक वीडियो भेजा. उन्होंने लड़की की कुछ तस्वीरें भी भेजीं जो घटना से पहले और बाद की हैं. हमने उन तस्वीरों और वीडियो की तुलना वायरल तस्वीर से की और पाया कि दोनों में दिख रही लड़कियां अलग-अलग हैं. नीचे इन तस्वीरों को देखा जा सकता है. उनकी पहचान जाहिर न हो, इसलिए हमने चेहरा धुंधला कर दिया है.

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हाथरस पीड़िता के नाम पर जिस लड़की की फोटो वायरल हो रही है, दरअसल उसका नाम मनीषा यादव है जिसकी मौत चंडीगढ़ के एक अस्पताल में 22 जुलाई 2018 को इलाज के दौरान हो गई थी. मनीषा मूलत: उत्तर प्रदेश के अयोध्या की रहने वाली थी और उसके भाई अजय यादव के मुताबिक यह फोटो भी उसके गांव की ही है. अजय ने हमें बताया कि मनीषा की शादी चंडीगढ़ में हुई थी और चंडीगढ़ के अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही की वजह से उसकी जान गई थी. उनके परिवार के लोग अस्पताल के खिलाफ मुकदमा लिखवाना चाहते थे लेकिन पुलिस एफआईआर लिखने में आनाकानी कर रही थी. तभी अजय और उसके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर इस फोटो के जरिये ‘जस्टिस फॉर मनीषा’ का कैम्पेन चलाया था.

अपडेट: हाथरस पीड़िता की गलत फोटो के बारे में रिपोर्ट छपने के बाद मनीषा यादव नाम की एक लड़की के भाई ने हमसे संपर्क किया और हमें वायरल फोटो के बारे में पूरी कहानी बताई. इस जानकारी को स्टोरी में अपडेट किया गया है.

(अनिल कुमार के इनपुट के साथ)

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