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फर्जी खबरों ने बुना कैसा-कैसा जाल: भेड़ ने खाई वियाग्रा, ताली से हुआ कोरोना बेहाल

2020 में तरह-तरह की फेक न्यूज फैलीं, जिनमें से कुछ मजेदार थीं तो कुछ बिल्कुल बेतुकी और बे​बुनियाद. यहां पर हम पिछले साल की कुछ ऐसी अजीबो-गरीब कहानियों की चर्चा कर रहे हैं जिन पर लोगों ने करीब-करीब यकीन कर लिया था.

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2020 में तरह-तरह की फेक न्यूज फैलीं
2020 में तरह-तरह की फेक न्यूज फैलीं

क्या आपको भेड़ों की वो कहानी याद है जिसमें कहा गया था कि नदी के पानी में टनों वियाग्रा घुल गई जिसे पीकर हजारों भेड़ें मतवाली हो गईं? या फिर कोरोना वायरस के इलाज का वो नुस्खा जिसमें कहा जा रहा था कि ताली बजाने से कोरोना ठीक हो जाएगा? खैर, 2020 में तरह-तरह की फेक न्यूज फैलीं, जिनमें से कुछ मजेदार थीं तो कुछ बिल्कुल बेतुकी और बे​बुनियाद. यहां पर हम पिछले साल की कुछ ऐसी अजीबो-गरीब कहानियों की चर्चा कर रहे हैं जिन पर लोगों ने करीब-करीब यकीन कर लिया था.

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नीली गोली की फर्जी कहानी

भारतीय मीडिया के कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने एक विचित्र खबर छापी कि दक्षिणी आयरलैंड में वियाग्रा बनाने वाली कंपनी फाइजर की टनों दवाइयां नदी में गिर गईं, जिसका पानी पीकर भेंड़े उत्तेजित हो गईं और एक हफ्ते तक अनियंत्रित व्यवहार करती रहीं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये लेख मूलत: एक व्यंग्य लेख था जो एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट पर छपा था. ये वेबसाइट काल्पनिक व्यंग्य खबरों के लिए जानी जाती है. हालांकि, आजतक ने ये खबर दिसंबर 2019 में की थी. लेकिन ये दिसंबर से वायरल होना शुरू हुई और जनवरी 2020 तक लोग इसे शेयर करते रहे.

ताली बजाकर कोरोना का इलाज

भारत में कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ तो सोशल मीडिया पर घरेलू उपचारों की बाढ़ आ गई. इसी में एक सुझाव ये भी आया कि ताली बजाकर कोरोना वायरस को बेअसर किया जा सकता है. ये बिल्कुल बेबुनियाद दावा था जिसकी सच्चाई हमने लोगों के सामने रखी.

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जिस तरह ये दावा अनर्गल था और जितनी बड़ी संख्या में लोगों ने इस पर विश्वास किया, उस संदर्भ में इसकी तुलना 1995 की उस अफवाह से की जा सकती है जब पूरे भारत में लोगों ने मान लिया था कि गणेश की मूर्तियां दूध पी रही हैं.

तस्वीरों से छेड़छाड़ की एक झलक

साल 2020 के दौरान हमने सोशल मीडिया पर वायरल कई ऐसी तस्वीरों का सच सामने रखा जिनमें छेड़छाड़ करके भ्रामक दावों के साथ उन्हें वायरल कराया गया. इसी तरह स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ऐसी तस्वीर वायरल हुई जिसमें वे जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा के सामने सिर झुकाए हुए थे. बहुत से लोग इसे सही मान रहे थे. हमने पाया कि दरअसल मोदी जिस प्रतिमा का अभिवादन कर रहे हैं वह नेहरू की नहीं बल्कि महात्मा गांधी की प्रतिमा थी.

'नापाक' फर्जीवाड़ा

भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन मामलों के एक कथित “विशेषज्ञ” ने ट्विटर पर दावा किया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने तिब्बत में भारत के सुखोई Su-30 लड़ाकू विमान को मार गिराया है. AFWA ने इस फर्जी अकाउंट की असली पहचान उजागर की. पाकिस्तान में बैठा ये शख्स “चाइनीज एक्सपर्ट” बनकर भारत के खिलाफ फर्जी खबरें फैला रहा था.

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लव इन द टाइम ऑफ कोरोना

महामारी के दौरान जब लोग दिल बेसब्री से दिल को छूने वाली कहानियों की तलाश कर रहे थे, तभी एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि मिस्र के एक अस्पताल में एक कोरोना पेशेंट को एक लेडी डॉक्टर से प्यार हो गया और दोनों ने अस्पताल में ही एंगेजमेंट कर ली.

AFWA ने पाया कि ये तस्वीरें एक प्री-वेडिंग फोटोशूट की थीं. इस जोड़े ने 2018 में एंगेजमेंट की थी और फोटो में दिख रहा शख्स कोरोना संक्रमित नहीं हुआ था.

जिंदा लोगों के मरने की अफवाहें

इस साल कई मशहूर हस्तियों की असामयिक मौतें हुईं जिससे उन्हें चाहने वालों को सदमा पहुंचा. हालांकि, सोशल मीडिया ने कई ऐसी मशहूर हस्तियों को मार डाला जो अब भी जिंदा हैं और भले-चंगे हैं.

बीते अक्टूबर में समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी मुलायम सिंह यादव का निधन हुआ तो सोशल मीडिया यूजर्स भ्रमित हो गए और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री व सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव समझ बैठे.

इसी तरह सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया कि पाकिस्तानी क्रिकेट के एवरग्रीन मैस्कट (शुभंकर) चौधरी अब्दुल जलील उर्फ ‘चाचा क्रिकेट’ का इंतकाल हो गया है.

इसी तरह बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन को लेकर फर्जी खबरें फैल गई थीं.

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गूगल, गांधी और गलत जानकारी

गूगल पर महात्मा गांधी के दांडी मार्च के बारे में तस्वीर सर्च कीजिए तो रिजल्ट में गांधी की एक तस्वीर आती है जिसमें वे एक बच्चे के साथ चलते हुए दिखते हैं. इंडिया टुडे ने पाया कि गांधी की ये तस्वीर 1930 में ऐतिहासिक दांडी मार्च की नहीं है, बल्कि ये तस्वीर 1937 में मुंबई के जुहू बीच की है, जब गांधीजी बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए जुहू के आरडी बिड़ला बंगले में ठहरे थे.

हाथरस कांड में किसी और को श्रद्धांजलि

यूपी के हाथरस में एक लड़की के साथ कथित तौर पर रेप और हत्या का मामला सामने आया तो पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान लोग गन्ने के खेत में खड़ी मुस्कुराती हुई एक लड़की की फोटो शेयर करके दावा कर रहे थे कि ये हाथरस गैंगरेप पीड़िता है. AFWA ने पाया कि वायरल तस्वीर हाथरस गैंगरेप पीड़िता की नहीं, बल्कि किसी और लड़की की है.

किसान आंदोलन की ‘दादी’

किसान आंदोलन शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर के साथ लोगों ने दावा किया कि ये दादी ​दिल्ली की बिलकिस बानो हैं जो दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं. हमने न सिर्फ इस दावे को खारिज किया, बल्कि इस बुजुर्ग महिला की पहचान भी पता की. किसान आंदोलन का चेहरा बनीं बुजुर्ग महिला का नाम महिंदर कौर है जो पंजाब के बठिंडा की रहने वाली हैं.

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कोरोना की आड़ में मानव अंगों की तस्करी

कोरोना संकट के दौरान सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज दावा किया गया कि मुंबई के एक अस्पताल में कोरोना के बहाने मानव अंगों की तस्करी का रैकेट चल रहा है. हमने पाया कि ये दावा पूरी तरह गलत था और इस पोस्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता की तस्वीर शेयर करके उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई थी.

सोशल मीडिया पर गलत खबरें और झूठ फैलाने वालों को नए साल में परिपक्व होने की जरूरत है!

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