इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मुस्लिमों की भीड़ ने एक हिंदू आदमी और उसके बेटे को उनके घर के बाहर बेरहमी से पीटा.
वीडियो में एक घर के बाहर उग्र भीड़ को देखा जा सकता है. भीड़ में से कुछ लोग अंदर खड़ी एक महिला और दो आदमियों पर पत्थर फेंक रहे हैं. एक आदमी के कपड़े फट चुके हैं वहीं दूसरा आदमी अपना सिर बचाने के लिए हेलमेट पहने हुए है. भीड़ में से कुछ लोगों ने मुस्लिम टोपी पहन रखी है.
वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “वीडियो गाजियाबाद से है, जिहादी भीड़ ने हिंदू बाप बेटे को घर के बाहर बेरहमी से मारा, पूरी वीडियो इंस्टाग्राम गाइडलाइन के कारण पोस्ट नहीं की जा सकती, बाप बेटे घर में घुसकर जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जब घर में एक डंडा तक नहीं मिला तो, हेलमेट लगाकर बाप अपना सर बचा रहा है, फिर भी उन्मादी भीड़ मारने पर उतारू है, अब हैरानी की बात सुनिए, जब मलेछों की भीड़ दोनों बाप बेटों को घर के बाहर पीट रही थी, तो हंदू पड़ोसी अपना दरवाजा बंद कर लिए, उन सभी पड़ोसी पर थूकते है, और वो भी मुंह पर थूकते है, शर्म करो रे, यह हालात कल को तुम्हारे सामने भी आ सकते हैं, अगर हम होते तो इनमे से एक भी अपने पैरों पर नहीं जाता, जागो हिंदू जागो”.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये हाल का गाजियाबाद का ही वीडियो है लेकिन इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मामले में दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस मामले से जुड़ी न्यूज मिलीं. IBC24 की 27 फरवरी, 2025 की खबर में बताया गया है कि गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर के पास स्थित एक घर में 25 से 30 लोगों की भीड़ ने एक घर में जबरन घुसकर मारपीट की थी. शुरू में ऐसा बताया गया था कि लड़ाई बुलेट बाइक के साइलेंसर से पटाखों की आवाज निकालने का विरोध करने को लेकर हुई थी.
लेकिन बाद में पुलिस ने बताया था कि मामला पारिवारिक कलह का था. घटना लोनी बॉर्डर के लक्ष्मी नगर के गली नंबर 14 में हुई थी. पुलिस के मुताबिक, इरशाद नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसके चचेरे भाई साद को रिजवान, अरमान आयूब पहलवान और कुछ अन्य ने पैसों के पुराने लेन-देन को लेकर पीटा और बंधक बना लिया.
इसे लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. घटना 25 फरवरी को हुई थी. वायरल दावे को लेकर हमने लोनी बॉर्डर के एसएचओ हरेंद्र मलिक से बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि ये दावा गलत है कि मुस्लिमों ने हिंदू परिवार पर हमला किया. उनके अनुसार, दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय के हैं और घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. यहां हमारी पड़ताल में ये बात साफ हो जाती है कि वीडियो के साथ झूठा सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है.