हाल ही में मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा होने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गई. इस मसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी के पक्ष में केद्र सरकार को घेरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना देश की आजादी से पहले की ब्रिटिश सरकार से की है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे शेयर करते हुए कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि केजरीवाल ने मानहानि के ही एक मामले में खुद तो गडकरी के पास पहुंचकर माफी मांग ली, लेकिन राहुल गांधी को उकसा रहे हैं.
इस तस्वीर में केजरीवाल नितिन गडकरी के पास कुर्सी पर बैठे हैं और गडकरी कोई कागज पढ़ रहे हैं.
इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, 'अरविंद केजरीवाल के साथ नितिन गडकरी अब आप ये ना सोचियेगा कि केजरीवाल जी दिल्ली के लिए सड़क परियोजना पर चर्चा करने गए हैं! तो आप गलत हैं केजरीवाल नितिन गडकरी से लिखित में माफी मांगने गए हैं, गडकरीजी माफीनामा पढ़ते हुए! खुद सजा होने से पहले माफी मांग कर निकल लेता है, और राहुल को उकसा रहा है.'
ट्विटर पर भी ये तस्वीर ऐसे ही दावों के साथ वायरल है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल तस्वीर केजरीवाल के गडकरी से माफी मांगने की नहीं है. ये तस्वीर साल 2014 की है. उस वक्त केजरीवाल दिल्ली में ई-रिक्शा से जुड़े मसले पर बात करने के लिए गडकरी से मिले थे. हालांकि ये बात सच है कि केजरीवाल ने गडकरी से साल 2018 में चिट्ठी लिखकर माफी मांगी थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल तस्वीर पर ‘Getty Images’ लिखा हुआ है. हमने फोटोग्राफी को इस स्टॉक वेबसाइट पर जाकर चेक किया. यहां इस तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक 16 सितंबर, 2014 को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ई-रिक्शा से जुड़ी नई गाइडलाइंस के बारे में बात करने के लिए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी.
केजरीवाल और गडकरी की इस मुलाकात को लेकर उस वक्त कई मीडिया रिपोर्ट्स छपी थीं.
साल 2018 में मांगी थी माफी
केजरीवाल ने बीजेपी के अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी पर देश के सबसे भ्रष्ट लोगों में से एक होने का इल्जाम लगाया था. इसके बाद गडकरी ने साल 2014 में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. मार्च 2018 में केजरीवाल ने चिट्ठी लिखकर गडकरी से अपने बयान पर खेद जताते हुए केस बंद करने की गुजारिश की थी, जिसे गडकरी ने मान लिया था. कमोबेश उसी वक्त केजरीवाल ने अकाली नेता बिक्रम मजीठिया, तब के कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और उनके पुत्र अमित सिब्बल से भी अपने बयानों के लिए माफी मांगी थी. इसके बाद इन लोगों ने केजरीवाल के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मुकदमे वापस ले लिए थे.
केजरीवाल ने अप्रैल 2018 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से भी पत्र लिखकर उनके खिलाफ दिए गए अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी.