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फैक्ट चेक: क्या है कपिल सिब्बल की इस फोटो की कहानी जिसे लेकर उन पर निशाना साधा जा रहा है

‘आजतक’ फैक्ट चेक ने पाया कि ये तस्वीर जनवरी 2020 की है और केरल के कोझिकोड की है. यूपीए की सरकार 2014 में चली गई थी और ये उसके छह साल बाद की तस्वीर है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये फोटो तब की है जब कपिल सिब्बल कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे वो मंत्री होने का फायदा उठाकर मुफ्त का शाही खाना खाते थे.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये जनवरी 2020 की केरल के कोझिकोड की फोटो है जहां एक जगह कपिल सिब्बल को गेस्ट के तौर आमंत्रित किया गया था. यूपीए की सरकार 2014 में चली गई थी और ये उसके छह साल बाद की फोटो है.

वरिष्ठ वकील, पूर्व कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल की एक फोटो इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गई है. इस फोटो में कपिल डाइनिंग टेबल पर कुछ लोगों के साथ खाना खाते नजर आ रहे हैं. खास बात ये है कि खाने की टेबल अलग-अलग व्यजंनो से पूरी भरी हुई है.

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कहा जा रहा है कि ये फोटो तब की है जब कपिल सिब्बल कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. सिब्बल पर तंज कसा गया है कि कैसे वो मंत्री होने का फायदा उठाकर मुफ्त का शाही खाना खाते थे.

इस फोटो को पोस्ट करते हुए एक वेरिफाइड एक्स यूजर ने लिखा है, “जब कपिल सिब्बल @KapilSibal केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे तब उनका बेहद हल्का-फुल्का लंच देखिए. फारसी में कहावत है “माल-ए-मुफ्त दिल-ए-बेरहम". यानी जब मुफ्त का माल मिले तब अपने दिल को बेरहम करके ठूंस ठूंस कर खाओ.”

ऐसे ही कैप्शन्स के साथ ये फोटो एक्स और फेसबुक पर कई यूजर्स शेयर कर चुके हैं.


‘आजतक’ फैक्ट चेक ने पाया कि ये तस्वीर जनवरी 2020 की है और केरल के कोझिकोड की है. यूपीए की सरकार 2014 में चली गई थी और ये उसके छह साल बाद की तस्वीर है.
कैसे पता चली सच्चाई?

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वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें केरल बीजेपी के एक नेता संदीप वारियर का 19 जनवरी 2020 का एक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में वायरल फोटो को लेकर केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले राजनीतिक गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) पर तंज किया गया है.

पोस्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का भी जिक्र है. इस क्लू की मदद से कीवर्ड सर्च करने पर हमें पता चला कि कपिल सिब्बल 18 जनवरी 2020 को केरल के कोझिकोड में सीएए के खिलाफ हुई एक रैली में शामिल हुए थे. इस रैली को यूडीएफ ने ही आयोजित किया था. उस समय कपिल कांग्रेस पार्टी में ही थे.

गौर करने वाली बात है कि इस रैली में कपिल वैसे ही कपड़े पहने दिख रहे हैं जैसे उन्हें वायरल फोटो में पहने देखा जा सकता है.


खोजने पर हमें वायरल फोटो में दिख रही जगह की कुछ दूसरी तस्वीरें भी मिलीं. इन तस्वीरों को भी 18-19 जनवरी 2020 को शेयर किया गया था और कालीकट (कोझिकोड का दूसरा नाम) का बताया गया था. कोझिकोड के रहने वाले सफीर पीटी नाम के एक शख्स ने वायरल फोटो से मिलती जुलती एक फोटो को 18 जनवरी 2020 को शेयर किया था. साथ में लिखा था कि उन्होंने कपिल सिब्बल के साथ लंच किया.

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हमने सफीर पीटी से संपर्क किया. सफीर ने हमें बताया कि उनकी कपिल सिब्बल के साथ खाना खाते हुए ये फोटो कोझिकोड की ही है और 18 जनवरी 2020 की है. सफीर ने बताया कि इस लंच का आयोजन उनके यूडीएफ सर्मथक एक दोस्त ने किया था. कपिल सिब्बल इसमें गेस्ट थे. सफीर पेशे से बीकॉन इंफोटेक नाम की एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.

यहां हम इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री होते हुए सिब्बल कैसा खाना खाते थे. लेकिन एक बात साफ है कि सिब्बल की ये फोटो यूपीए सरकार के समय की नहीं बल्कि उसके बाद की है.

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