विपक्षी पार्टियां अकसर ईवीएम का विरोध कर बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग करती रही हैं. इसी को लेकर यूट्यूब पर भी एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो के टाइटल में लिखा है - "कांग्रेस के लिए खुशखबरी अब चार राज्यों में होंगे बैलेट पेपर से चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का आदेश".
वीडियो आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग CYSS की किसी आम सभा का दिख रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति ईवीएम को बैन करने की मांग कर रहा है और इस पर अपने अपने विचार व्यक्त कर रहा है. खास बात ये है कि वीडियो के साथ लिखकर ऐसा दावा किया जा रहा है लेकिन वीडियो में ऐसी कोई बता नहीं कही गयी है.
वीडियो का आर्काइव
दस मिनट के इस वीडियो को HINDI LIONS नाम के एक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल ने 16 सितम्बर 2019 को अपलोड किया था. इस वीडियो को अभी तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख चुके है. फेसबुक पर वीडियो को शेयर किया जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने पाया की वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया जिसमें चार राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव होने का जिक्र हो. वीडियो में ईवीएम को बैन करने पर तो चर्चा जरूर हुई है लेकिन कहीं पर भी सुप्रीम कोर्ट के इस तरह आदेश पर बात नहीं की गई.
हमें इंटरनेट पर ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ऐसे कोई आदेश के बारे में बताया गया हो.
इसी साल जून में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका जरूर दाखिल हुई थी जिसमें बैलट पेपर से दोबारा लोकसभा चुनाव कराने की मांग की गई थी. लेकिन इस याचिका पर तुरंत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया था.
चुनाव आयोग ने भी कुछ दिनों पहले ये बात साफ़ कर दी थी कि आने वाले महाराष्ट्र चुनाव में बैलेट पेपर का उपयोग नहीं होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बैलेट पेपर के इस्तेमाल को इतिहास बताया था और कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है.
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि वीडियो में ईवीएम का विरोध कर रहे व्यक्ति आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक दिलीप पांडेय है. दिलीप लोकसभा चुनाव 2019 में AAP के उत्तर पूर्व दिल्ली से उम्मीदवार थे. दिलीप को बीजेपी के मनोज तिवारी ने हराया था. इस हार का जिक्र दिलीप ने वीडियो में भी किया है. इस वीडियो के बारे में हमारी बात दिलीप से भी हुई. दिलीप ने भी वीडियो के टाइटल को भ्रामक बताया.
वीडियो में दिख रही सभा AAP ने 7 सितम्बर 2019 को दिल्ली में आयोजित की थी. इस सभा में पार्टी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग उठाई थी.
यहां पर यह बात साफ़ होती है कि इस यूट्यूब वीडियो का टाइटल भ्रामक है और वीडियो में दिख रही आम सभा का इस कथित आदेश से कोई लेना देना नहीं.