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सोशल माडिया पर अजीबोगरीब दिखने वाले एक बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिख रहा बच्चा एक सफेद रंग की चादर पर लेटा हुआ है और उसके शरीर की सारी नसें साफ दिखाई दे रहीं हैं. उसकी आंखें, होंठ आदि भी सूजे हुए हैं.
दावा किया जा रहा है कि ये बच्चा इतना अजीब था कि इसे जहर के इंजेक्शन देकर मारने की कोशिश की गई लेकिन ये नहीं मरा और बाद में इसे गला काट कर दफना दिया गया.
इस वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “शामली के पास गांव केडी में आज एक मुसलमान के घर पैदा हुआ अजीबोगरीब बच्चा! 50 जहर के इंजेक्शन लगाने के बाद भी नहीं मरा, फिर गला काटकर दफनाया गया.”
हमने अपनी जांच में पाया कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के शामली का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का है . इस साल जून में जन्मे इस बच्चे को ‘हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ नाम की एक बीमारी थी जिसकी वजह से इसकी मृत्यु जन्म के चार-पांच दिन बाद हो गई थी. इस वीडियो के साथ इस बच्चे को जहर के 50 इंजेक्शन देने और इसका गला काटकर दफनाने का दावा बेबुनियाद है.
कैसे पता लगाई सच्चाई ?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘आजतक’ की 4 जून की एक खबर मिली. इस खबर के मुताबिक इस बच्चे का जन्म मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एमसीएच अस्पताल में हुआ था.
हमें इससे जुड़ी ‘जी न्यूज’ की भी रिपोर्ट्स मिलीं.
इस वीडियो के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हमने एमसीएच रतलाम में आईसीयू के इंचार्ज डॉ. नावेद कुरैशी से बात की. उन्होने ‘आजतक’ को बताया, “इस बच्चे का जन्म इसी साल जून में हुआ था. इसकी मृत्यु जन्म के चार-पांच दिन बाद हो गई थी. इसे ‘हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ नाम की एक बीमारी थी जिसके कारण ये ऐसा दिख रहा था. इस बच्चे को जहर के 50 इंजेक्शन लगाने और इसका गला काटकर दफनाने वाली बातें गलत हैं.”
क्या है ये बीमारी?
'हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ एक त्वचा संबंधी जेनेटिक डिसऑर्डर है जो आम तौर पर नवजात शिशुओं को होता है. ज्यादातर मामलों में ऐसे बच्चों के जन्म के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु हो जाती है.
(रिपोर्ट : यश मित्तल)