क्या अब पंजाब में हिंदू त्यौहारों के मौके पर झांकी या शोभा यात्रा निकालने पर पाबंदी लगा दी गई है? सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसके जरिए कुछ लोग कह रहे हैं कि अब पंजाब में शिवरात्रि या कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर झांकी निकालने पर बेअदबी के आरोप में जेल भेजा जा सकता है.
एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “पंजाब में हिंदुओ को अपने त्योहारों पर झांकियां निकालने पर बेअदबी की धारा लगा कर अन्दर कर दिया जायेगा. अब पंजाब में कृष्ण जन्माष्टमी , शिव रात्रि , नवरात्र , गणेश चतुर्थी, राम नवमी , दशहरा आदि में झांकियां निकालना अपराध माना जायेगा. फ्री बिजली पानी के चक्कर में अपने धर्म अपने संस्कारों को गिरवी रख दिया। अब भुगतो.”
जाहिर है, इस वीडियो को कुछ इस तरह से शेयर किया जा रहा है जिससे लगता है कि ये पंजाब की नई सरकार का फैसला है.
वीडियो में एक रिक्शे पर लगे लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी की जा रही है. इसमें पंजाबी भाषा में कहा जा रहा है, “कोई भी जागरण, कथा, कीर्तन, शोभा यात्रा या किसी भी तरह के सनातनी धार्मिक प्रोग्राम में किसी भी 10 साल से बड़े व्यक्ति को देवी देवताओं के रूप में दिखाने पर पाबंदी लगा दी गई है. अगर किसी भी संस्था, मंदिर कमेटी या जागरण प्रोग्राम करवाने वाली प्राइवेट पार्टी की तरफ से हिंदू तख्त के अखाड़ों के निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो उनके खिलाफ कानून में मौजूद बेअदबी की धारा 295 और 295 ए के तहत करवाई की जाएगी.
कृष्ण जन्माष्टमी, शिवरात्रि या किसी भी सनातनी त्यौहारों पर भी झांकियां निकालने पर पाबंदी है.”
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि पंजाब सरकार ने हिंदू त्यौहारों पर झांकी या शोभा यात्रा निकालने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है. ये मुनादी एक धार्मिक संस्था ने करवाई है जिसका पंजाब सरकार से कोई लेना देना नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने पंजाब पुलिस के प्रवक्ता और आईजी हेडक्वार्टर्स सुखचैन सिंह से संपर्क किया. उनका कहना है कि पंजाब सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाब में सभी को अपने धार्मिक त्यौहारों को पूरी पंरपराओं के साथ मनाने की पूरी आजादी है.
हमने वायरल वीडियो में रिक्शे से पास दिख रहे ‘द सतपाल स्टोर’ की लोकेशन खोजी तो पता चला कि ये स्टोर संगरूर जिले के धुरी कस्बे में है.
हमने कीवर्ड सर्च के जरिए जब इस वायरल वीडियो को खोजा तो हमें फेसबुक पर इसका एक और वर्जन मिला. इसे 18 अगस्त को पोस्ट किया गया है. इसके साथ लिखा है कि ये मुनादी ‘अखिल भारतीय जागरण सुधार मंडल’ ने करवाई है और इसका मकसद झांकियों के रूप में होने वाले सनातन धर्म के अपमान को रोकना है.
जब हमने इस संस्था के पंजाब प्रधान जगदीप शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने कबूला ये मुनादी उन्हीं की संस्था ने करवाई है. मुनादी की वजह बताते हुए उन्होंने कहा, ”कुछ लोग झांकियां और जागरण निकालते समय हिंदू भगवानों की नकल करते हैं. अगर कोई बच्चा भगवान का रूप बने तो हमें इससे कोई दिक्कत नहीं पर कई लोगों ने इसे पैसे कमाने का जरिया बना लिया है. इससे हमारे धर्म की बेअदबी होती है. हम शांतिपूर्ण तरीके से इन गलत प्रथाओं को बदलने का काम कर रहे हैं. इसलिए हमने ये घोषणा करवाई थी.”
क्या है बेअदबी की धारा 295 और 295A?
इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी की धारा 295 के तहत अगर किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उसके पूजा स्थल की तोड़-फोड़ की जाती है या अपवित्र किया जाता है तो आरोपी को दो साल तक की सजा दी जा सकती है. धारा 295A के तहत धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप साबित होने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.
(रिपोर्ट- सुमित कुमार दुबे/ इनपुट- यश मित्तल)