
करीब साल भर से चल रहा किसान आंदोलन शनिवार को एक फिर सुर्खियों में आ गया जब हरियाणा के करनाल में बीजेपी की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में लगभग 10 किसानों के घायल होने की खबर है. मामले ने तब और तूल पकड़ा जब करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे पुलिसकर्मियों की टीम से प्रदर्शन कर रहे किसानों का "सिर फोड़ने" की बात कहते हुए सुनाई दे रहे हैं.
इसी घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर अब एक तस्वीर वायरल होने लगी जिसमें एक व्यक्ति के सिर पर गहरी चोट का निशान देखा जा सकता है. चोट पर टांके लगे नजर आ रहे हैं. तस्वीर देखकर ऐसा लगता है कि चोट की वजह से व्यक्ति के बाल काटने पड़े हैं. इस तस्वीर को करनाल में शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज से जोड़कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
तस्वीर को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट किया और लिखा कि ये एसडीएम के "तुगलकी फरमान का प्रत्यक्ष परिणाम है". इसके साथ ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस , तेलंगाना कांग्रेस और कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार को किसान विरोधी बताया है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि इस तस्वीर का शनिवार को करनाल में हुई लाठीचार्ज से कोई लेना-देना नहीं है. ये तस्वीर गुरुग्राम के एक "गौरक्षक" की है जो 25 अगस्त को गौ-तस्करों का पीछा करते हुए अपने कुछ साथियों के साथ घायल हो गया था.
कैसे की पड़ताल?
रणदीप सुरजेवाला अब अपना ट्वीट डिलीट कर चुके हैं. लेकिन उनके ट्वीट पर कई लोगों ने कमेंट किया था कि यह तस्वीर एक "गौरक्षक" की है ना कि किसान आंदोलन में हुई लाठीचार्ज की. यह जानकारी डालते हुए एक टि्वटर यूजर ने "Gauputr Bamlehari" नाम के एक फेसबुक पेज से की गई एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इस पोस्ट में वायरल तस्वीर के साथ घायल आदमियों की कुछ अन्य तस्वीरें भी मौजूद हैं जिन्हें "गौरक्षक" बताया गया है.
हमें पता चला कि इस फेसबुक पेज से ये पोस्ट 26 अगस्त को की गई थी. पोस्ट के कैप्शन में लिखा था कि बजरंग दल के लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर गौ-तस्करों की फायरिंग का सामना किया और गाय को कत्लखाने जाने से बचाया.
"Gauputr Bamlehari" के जरिए हम "बजरंग दल मानेसर" के जिला संयोजक मोनू मानेसर तक पहुंचे और उनसे इस मामले पर बात की. मोनू ने हमें बताया कि यह दावा झूठा है कि घायल व्यक्ति की तस्वीर करनाल में किसानों पर हुई लाठीचार्ज से जुड़ी है. मोनू का कहना था कि यह तस्वीर उनके साथी टिंकू की है जो 25 अगस्त को गौ-तस्करों से लड़ते हुए घायल हो गया था.
मोनू के मुताबिक, टिंकू और उसके कुछ साथी गौ-तस्करों की गाड़ी का पीछा कर रहे थे. इस दौरान गौ-तस्करों ने अपनी गाड़ी से एक गाय टिंकू की गाड़ी के आगे फेंक दी. इस वजह से गाड़ी पलट गई और टिंकू सहित 5 लोग बुरी तरह घायल हो गए. घायलों को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह घटना गुरुग्राम के सेक्टर 56 में हुई थी. मोनू के अनुसार, "गौरक्षकों" पर गौ-तस्करों ने फायरिंग भी की थी. मोनू ने हमें इस मामले में दर्ज हुई पुलिस एफआईआर की कॉपी भी भेजी.
इस घटना को लेकर 26 अगस्त को गुरुग्राम में सैकड़ों "गौरक्षकों" ने पशु तस्करों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था और गिरफ्तारी की मांग की थी. इस बारे में "दैनिक भास्कर" ने खबरें भी प्रकाशित की हैं.
यहां पर साफ हो जाता है कि वायरल तस्वीर करनाल में हुई लाठीचार्ज से पहले की है और इसका आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, यह बात सही है कि करनाल में हुई लाठीचार्ज में कुछ किसान बुरी तरह घायल हुए हैं जिनकी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं.