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गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को पुल गिरने से कम से कम 135 लोगों की जान चली गई थी. इस भीषण हादसे के बाद एक नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी जाकर राहत कार्यों का जायजा लिया. साथ ही, इस घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात भी की.
पुल हादसे के बाद किया गया पीएम मोदी का मोरबी दौरा एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि कुछ लोग एक कथित आरटीआई का हवाला देते हुए आरोप लगा रहे हैं कि उस दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. ऐसा कहने वाले लोग सबूत के तौर पर किसी गुजराती अखबार की कटिंग शेयर कर रहे हैं.
एक ट्विटर यूजर ने इस कटिंग को पोस्ट करते हुए लिखा, "मोरबी के 135 मृतकों को मुआवजा 6 करोड़ 35 लाख, भाजपा के नरेंद्र मोदी की मोरबी विज़िट खर्च 30 करोड़. देश को ऐसे ही लूटने नही देंगे? #Vote4Jhadu".
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
एक ट्विटर यूजर ने वायरल कटिंग के नीचे कमेंट किया कि ये खबर 'गुजरात समाचार' अखबार में छपी थी. ये ट्वीट हालांकि अब डिलीट हो चुका है, पर उसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने भी अखबार की इस कटिंग को पोस्ट करते हुए तंज कसा.
इसी बीच छह दिसंबर को गुजरात पुलिस ने इस ट्वीट को लेकर की गई एक शिकायत के चलते साकेत गोखले को गिरफ्तार कर लिया.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल गुजराती अखबार का स्क्रीनशॉट फर्जी है. 'गुजरात समाचार' ने ऐसी कोई खबर नहीं छापी है. पीएम मोदी के मोरबी दौरे पर हुए खर्च के बारे में सवाल पूछने वाली कोई आरटीआई भी दाखिल नहीं हुई है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
सबसे पहले हमने गूगल लेंस की मदद से वायरल खबर के स्क्रीनशॉट का हिंदी अनुवाद किया. इसमें लिखा है कि दीपक पटेल नाम के एक शख्स ने मोरबी कलेक्टर ऑफिस में आरटीआई दायर की थी. इसी आरटीआई के जवाब में प्रशासन ने जानकारी दी है कि पीएम मोदी के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए.
इतनी बात पता लगने पर हमने 'दीपक पटेल' 'आरटीआई' और 'मोरबी' जैसे कीवर्ड्स की मदद से हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं में खोजबीन की. हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें इस तरह की किसी आरटीआई का जिक्र हो. जाहिर है, अगर ऐसी कोई जानकारी सामने आई होती, तो इसके बारे में यकीनन खबरें छपी होतीं. 'गुजरात समाचार' की वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो ने एक दिसंबर को एक ट्वीट के जरिये इस अखबार की कटिंग को फर्जी बताया. साथ ही ये भी कहा कि किसी आरटीआई के जवाब में ऐसी जानकारी नहीं दी गई है.
Quoting an RTI, It is being claimed in a tweet that PM’s visit to Morbi cost ₹30 cr.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 1, 2022
▪️ This claim is #Fake.
▪️ No such RTI response has been given. pic.twitter.com/CEVgvWgGTv
मोरबी के डीएम जी टी पांड्या ने 'बूमलाइव' से हुई बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि दीपक पटेल नाम के किसी शख्स की तरफ से ऐसी कोई भी आरटीआई उनके ऑफिस में दाखिल नहीं की गई है.
कुल मिलाकर बात साफ है, एक नकली स्क्रीनशॉट और मनगढ़ंत आरटीआई के जरिये प्रधानमंत्री मोदी के मोरबी दौरे को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.