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फैक्ट चेक: अपनी जन्मभूमि को नमन करते राष्ट्रपति कोविंद की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

तस्वीर को शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि एक दलित होने की वजह से रामनाथ कोविंद ने ऊंची जाति से आने वाले सीएम योगी और आनंदीबेन पटेल को इस तरह से झुककर नमन किया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक दलित होने की वजह से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऊंची जाति से आने वाले सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस तरह से झुककर प्रणाम किया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
तस्वीर 27 जून को उस समय ली गई थी जब राष्ट्रपति कोविंद अपने गांव पहुंचे थे और उन्होंने अपनी जन्मभूमि को छूकर नमन किया था. ये कहना गलत है कि वो इस तरह से योगी आदित्यनाथ और आनंदीबेन पटेल के आगे नतमस्तक हो गए थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस वक्त उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. महामहिम 25 जून को दिल्ली से ट्रेन में यात्रा करते हुए कानपुर पहुंचे थे. ये खबर काफी चर्चा में रही.  अब राष्ट्रपति कोविंद की सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल होने लगी है जिसमें वो हेलीकॉप्टर के पास नतमस्तक हुए खड़े दिख रहे हैं. तस्वीर में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी देखा जा सकता है. 

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तस्वीर को शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि एक दलित होने की वजह से रामनाथ कोविंद ने ऊंची जाति से आने वाले सीएम योगी और आनंदीबेन पटेल को इस तरह से झुककर नमन किया. यूजर्स पोस्ट में लिख रहे हैं कि राष्ट्रपति कोविंद को अपने पद की मर्यादा बनाकर रखनी चाहिए और गुलामी की मानसिकता बदलनी चाहिए. 

 

अलग-अलग दावे के साथ वायरल हो रही है तस्वीर.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीर 27 जून को उस समय ली गई थी जब राष्ट्रपति कोविंद अपने गांव पहुंचे थे और उन्होंने अपनी जन्मभूमि को छूकर नमन किया था. ये कहना गलत है कि वो इस तरह से योगी आदित्यनाथ और आनंदीबेन पटेल के आगे नतमस्तक हो गए थे.

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इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग कैप्शन के साथ साझा कर रहे हैं. एक फेसबुक यूजर Manoj Singh Gautam ने लिखा कि "वैसे तो महामहिम के बारे में बोलना या कोई टीका टिप्पणी नही करनी चाहिये. पर गाँव मे दलितो को हमने ठाकुर साहब के सामने ऐसे ही झुककर जाते हुए देखा है, दलित सर्वोच्च पद पर बैठे तो उनको उच्च पद की मर्यादा बनाकर रखनी चाहिए. भाजपा संवैधानिक पदों का गलत इसतेमाल कर रही है ये साफ साफ दिख रहा है."

कमेंट्स में जहां कुछ लोग दावे को सच मानते हुए अफसोस जाता रहे हैं, वहीं कुछ इसकी सच्चाई भी बता रहे हैं. 

ये तस्वीर रविवार से काफी वायरल है. राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से भी इस तस्वीर को शेयर किया गया था. ट्वीट में लिखा गया था कि कोविंद कानपुर देहात स्थित अपने गांव परौंख पहुंचे और अपनी जन्मभूमि की मिट्टी को छूकर नमन किया. अपनी गांव की जमीन पर पैर रखते ही कोविंद भावुक हो गए थे और इसे चूम लिया था. ये तस्वीर परौंख गांव के नजदीक बने हेलिपैड पर ली गई थी जहां कोविंद का स्वागत करने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री पहुंचे थे. 

 

इसको लेकर कई खबरें इंटरनेट पर मौजूद हैं. खबरों में भी यही बात लिखी है कि कोविंद ने अपनी गांव की जमीन को छूकर नमन किया. 

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हमें "दैनिक भास्कर" के यूट्यूब चैनल पर इस समय एक वीडियो भी मिला. वीडियो में देखा जा सकता है कि कोविंद हेलीकाप्टर से उतरते हैं, योगी और आनंदीबेन को नमस्ते करते हैं और नतमस्तक होकर अपनी जन्मभूमि को स्पर्श करते हैं. 

अपनी जन्मभूमि और गांव को लेकर राष्ट्रपति के ट्विटर अकाउंट से रविवार को कुछ ट्वीट भी किये गए थे. 

इस तरह ये साबित हो जाता है कि राष्ट्रपति कोविंद की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कुछ लोग भ्रामक तरीके से पेश कर रहे हैं. इस तस्वीर में कोविंद आनंदीबेन पटेल और योगी को नहीं बल्कि अपनी जन्मभूमि को छूकर नमन कर रहे हैं.

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