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फैक्ट चेक: राजस्थान के शिक्षा मंत्री बनने के बाद मदन दिलावर ने दिया जातिवादी बयान? नहीं, ये वीडियो 2021 का है

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मदन दिलावर का ये वीडियो साल 2021 का है, जब वह शिक्षा मंत्री नहीं, बल्कि रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ एक विधायक थे.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे शिक्षा मंत्री बनने के बाद मदन दिलावर ने आम लोगों से विवाद होने पर जातिवादी बयान दिया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो साल 2021 का है, जब मदन दिलावर शिक्षा मंत्री नहीं, बल्कि रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ एक विधायक थे.

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्हें कुछ लोगों से बहस करते और जातिवादी बयानबाजी करते देखा जा सकता है. वीडियो में दिलावर बोलते हैं, "मैं खटीक हूं, उल्टा लटका कर मारता हूं." भीड़ में मौजूद एक शख्स जवाब में कहता है, "हम भी गुर्जर हैं, हमारे पास भी लट्ठ है."

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इस वीडियो को शेयर करते हुए लोग दावा कर रहे हैं कि सत्ता के नशे में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बोल बिगड़ने लगे हैं. फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, "कोई बाणया ब्राह्मण नहीं हूं, खटीक हूं, उल्टा लटकाकर मारता हूं. जय हो भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री की. गुर्जर समाज के लोग आए थे विधायक कोष से फंड लेने. सत्ता के नशे में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बिगड़े बोल."

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मदन दिलावर का ये वीडियो साल 2021 का है, जब वह शिक्षा मंत्री नहीं, बल्कि रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ एक विधायक थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें वायरल वीडियो 10 अक्टूबर 2021 के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक ये घटना राजस्थान के कोटा में हुई थी. उस वक्त मदन दिलावर कोटा जिले के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे. मदन दिलावर को दिसंबर 2023 में शिक्षा मंत्री बनाया गया है. दरअसल, विधायक कोष से पैसे न मिलने से नाराज गांव वालों की मदन दिलावर से बहस हो गई थी. 

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हमें इस घटना के बारे में छपी कई न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं. 'दैनिक भास्कर' की खबर के मुताबिक, 9 अक्टूबर 2021 को रामगंज मंडी के मंडा गांव में प्रशासन गांवों के संग शिविर का आयोजन हुआ था. शिविर में सरपंच और ग्रामीणों ने मदन दिलावर से विकास कार्य के लिए विधायक कोष से राशि मांगी थी.

खबरों के मुताबिक, मदन दिलावर ने यह कहते हुए कोष देने से इनकार कर दिया कि वे पहले ही उनके क्षेत्र के लिए कोष जारी कर चुके हैं. इस बात से नाराज ग्रामीण मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. नारों से भड़के दिलावर की गांव वालों से बहस हो गई, जिस दौरान उन्होंने वायरल वीडियो वाला जातिवादी बयान दे डाला. इस बीच पुलिस को भी बीच-बचाव करना पड़ा.

इस घटना पर सफाई देते हुए मदन दिलावर ने एक वीडियो भी जारी किया था. इसमें उन्होंने बताया था कि इस क्षेत्र के लिए पहले ही विधायक कोष से 11 लाख रुपये और एमपी कोष से 10 लाख रुपये दिए जा चुके थे. और वे एक पंचायत में इससे ज्यादा पैसा नहीं दे सकते. लेकिन, सरपंच और गांव वालों ने उनकी बात नहीं मानी और उनसे गाली-गलौज करने लगे, जिससे नाराज होकर उनकी बहस हो गई. इस वीडियो में उन्होंने जातिवादी बयान देने के लिए माफी भी मांगी थी.

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उस वक्त कांग्रेस नेता शिवराज गुंजल ने दिलावर के इस बयान की निंदा की थी और कुछ लोगों ने दिलावर के बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उनका पुतला भी फूंका था. 

साफ है कि साल 2021 में दिए गए मदन दिलावर के एक विवादित बयान को उनके शिक्षा मंत्री बनने के बाद की घटना बता कर पेश किया जा रहा है.

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