सड़क पर उमड़ी बेतहाशा भीड़ के दो वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. इनमें से पहला वीडियो किसी रैली का लग रहा है जिसमें लोग भगवा झंडा फहरा रहे हैं. कुछ लोग इसे बंगाल में राम नवमी पर निकाली गई रैली बता कर शेयर कर रहे हैं. वहीं दूसरा वीडियो किसी हाई राइज बिल्डिंग वाले इलाके में मौजूद भीड़ का है जिसे भीम आर्मी से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है.
कई लोग इस वीडियो को मध्य प्रदेश के शिवपुरी में निकाली गई भीम आर्मी की किसी रैली का समझ कर भ्रमित हो रहे हैं.
इन पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि इन दोनों ही वीडियो के साथ कही जा रही बात गलत है. जहां पहला वीडियो
गुजरात में निकाली गई एक धार्मिक यात्रा का है, वहीं दूसरा वीडियो अर्जेंटीना का है जहां फुटबॉल प्रेमी अपने देश के फीफा विश्व कप 2022 जीतने पर जश्न मनाने के लिए जुटे थे.
वीडियो नंबर 1
पहले वीडियो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें मार्च 2023 के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला.
बेहतर क्वॉलिटी के इस वीडियो में एक जगह गुजराती भाषा में कुछ लिखा हुआ दिखाई दे रहा है. गूगल लेंस से इसका अनुवाद करने पर हमें “लालजीभाई हरजीवनदास” लिखा दिखा.
इस नाम के बारे में थोड़ी खोजबीन करने पर हमें पता चला कि ये गुजरात के वडोदरा शहर में मौजूद एक गहने की दुकान है.
इसके बाद हमने गुजराती भाषा में वडोदरा में निकाली गई रैलियों से जुड़ी हालिया खबरें खोजीं. हमें ‘दिव्य भास्कर’ की फरवरी की एक रिपोर्ट मिली.
इसमें बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन वडोदरा के प्रतापनगर इलाके से ‘शिव की यात्रा’ निकाली गई थी. आम लोगों के अलावा इस यात्रा में बीजेपी विधायक योगेश पटेल समेत कई नेता भी शामिल हुए थे. इस यात्रा के बाद शाम को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की मौजूदगी में सुरसागर में आरती भी की गई थी.
18 फरवरी को निकाली गई इस यात्रा के वीडियो को ‘गुजरात तक’ समेत कई मीडिया आउटलेट्स ने शेयर किया है.
ट्विटर पर हमें इस यात्रा का एक पोस्टर मिला जिस पर किसी अतुल गमेची का नंबर मौजूद था. अतुल ने ‘आजतक’ को बताया कि ये वडोदरा में निकाली गई ‘शिव की यात्रा’ का वीडियो है जिसका पोस्टर उन्होंने बनाया था. अतुल ने कहा, “शिवरात्रि पर हर साल वडोदरा में एक यात्रा निकाली जाती है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं. इस साल भी ये यात्रा 18 फरवरी को निकाली गई थी.” अतुल ने हमें इस साल की यात्रा का एक वीडियो भी भेजा जिसे नीचे देखा जा सकता है.
इस वीडियो की तुलना वायरल वीडियो से करने पर दोनों के बीच की समानता साफ देखी जा सकती है.
वीडियो नंबर 2
हमें इस वीडियो का एक लंबा वर्जन फुटबॉल से जुड़ी खबरें देने वाले यूट्यूब चैनल ‘ESPN FC’ पर मिला. 20 दिसम्बर 2022 को शेयर किये गए इस वीडियो के साथ लिखा है कि ये अर्जेंटीना की सड़कों पर उतरे करीब 40 लाख लोग हैं. उस समय और भी न्यूज चैनल्स ने इस वीडियो को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स का बता कर शेयर किया था.
दरअसल कतर में आयोजित फीफा वर्ल्ड कप 2022 में अर्जेंटीना, फ्रांस को हरा कर तीसरी बार विजेता बना था. इस जीत की खुशी में 20 दिसम्बर को अर्जेंटीना में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था. तब ब्यूनस आयर्स में मौजूद ओबिलिस्क स्मारक पर लोगों ने भारी संख्या में इकट्ठा होकर इस जीत का जश्न मनाया था.
हमने गूगल अर्थ पर ओबिलिस्क के आस-पास का इलाका देखा. इस स्मारक की तरफ जाने वाले एक रास्ते पर हमें वायरल वीडियो वाली लोकेशन मिल गई जिसे यहां देखा जा सकता है. वायरल वीडियो से तुलना करने पर साफ होता है कि ये वीडियो इसी जगह का है.
साफ है, गुजरात और अर्जेंटीना में जुटी भीड़ के दो अलग-अलग वीडियो को भीम आर्मी और रामनवमी की रैली बताकर शेयर किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: संजना सक्सेना)