
संभल में पिछले साल नवंबर में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद से यूपी का ये जिला खबरों में बना हुआ है. और अब सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि संभल में मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया.
वीडियो में बीच सड़क पर कुछ लोगों के बीच बुरी तरह मारपीट होती दिख रही है. ये लोग एक-दूसरे को लाठी से पीट रहे हैं. पास में एक बस भी खड़ी दिख रही है.
वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा है, “संभल में फिर दंगाइये बाहर निकले...माँ पूर्णगिरी जा रही बस पर संभल में हमला…खाने पीने को रुकी बस में बज रहा था भजन, तो भजन को बंद कराने पे अड़े जिहादियों ने, देवी भक्तों को मार मार के अधमरा किया..उम्मीद है संभल पुलिस तगड़ा जवाब देगी”.
ऐसे ही कैप्शन के साथ वीडियो को फेसबुक पर कई यूजर्स शेयर कर चुके हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना हाल ही में संभल में हुई तो है लेकिन इसमें दोनों पक्ष हिंदू समुदाय से हैं.
कैसे पता की सच्चाई?
कीवर्ड करने पर हमें इस घटना को लेकर 22 मार्च को छपी ‘जागरण’ की एक खबर मिली. खबर में बताया गया है कि 21 मार्च को संभल के कोतवाली क्षेत्र में संतरे के पैसे को लेकर श्रद्धालुओं और फल विक्रेता के बीच विवाद हो गया था. मामला इतना बढ़ गया था कि फल विक्रेता के साथियों ने लाठी-डंडों से श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया था. घटना में एक युवक घायल भी हो गया था.
श्रद्धालु, उत्तराखंड के पूर्णागिरि मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे. रास्ते में एक जगह पर बस को फल खरीदने के लिए रोका गया था. इस दौरान बस में सवार राजू नाम के शख्स का फल विक्रेता नीरज से संतरे के रुपयों को लेकर विवाद हो गया. राजू का कहना था कि उसने संतरे के पैसे दे दिए हैं लेकिन फल विक्रेता का कहना था कि राजू ने पैसे नहीं दिए.
बात इतनी बढ़ गई कि फल विक्रेता के साथी लाठी डंडे लेकर आ गए और राजू पर हमला कर दिया. फल विक्रेताओं ने अन्य श्रद्धालुओं के साथ भी मारपीट की. मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों के तीन-तीन लोगों को हिरासत में लिया था.
खबर में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनुज तोमर के हवाले से बताया गया है कि मारपीट करने वालों के नाम नीरज, नरेश, निरंजन, राजू, सुरजीत और संजीव हैं. इन लोगों पर शांतिभंग करने को लेकर चालान किया गया है.
इस मामले पर ईटीवी भारत और नवभारत टाइम्स ने भी खबरें छापी हैं. मगर किसी भी खबर में इस मामले में किसी सांप्रदायिक एंगल होने की बात नहीं कही गई है.
वायरल वीडियो वाले एक एक्स पोस्ट पर हमें संभल पुलिस का जवाब मिला, जिसमें ये बताया गया है कि घटना में दोनों पक्ष हिंदू समुदाय के थे.
यहां ये बात साफ हो जाती है कि संभल में हुई मारपीट के वीडियो को शेयर करके झूठा सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है.