महाकुंभ के संगम नोज पर 28-29 जनवरी को मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हैं. इसके अलावा महाकुंभ के ही झूंसी घाट पर भी भगदड़ मचने कि खबरें सामने आई हैं. यूपी सरकार ने भगदड़ की वजह का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं. मगर इसी बीच “अखिलेश यादव जिंदाबाद” का नारा लगाते कुछ लड़कों के वीडियो को शेयर करते हुए ये कहा जा रहा है कि यही लड़के भगदड़ की वजह हैं.
वीडियो पर समाजवादी पार्टी के झंडे के साथ “कुंभ मेला प्रयागराज” लिखा हुआ है. इसे शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं, “ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण ही कुंभ में भगदड़ का माहौल बना विडियो में स्वयं देख सकते है.” वहीं कुछ लोग इस वीडियो पर सवाल उठाते हुए यूपी सरकार से इन लड़कों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
मगर आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि रायबरेली के इन लड़कों का वीडियो भगदड़ वाली रात का नहीं, बल्कि उससे करीब दो दिन पहले का है.
कैसे पता चली सच्चाई?
हमने देखा कि वायरल पोस्ट के जवाब में एक एक्स यूजर ने '@chhora_yadav_ka_7777' नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि ये वायरल वीडियो में नारेबाजी करते दिख रहे लड़कों में से एक का अकाउंट है. हमें इस अकाउंट पर वायरल वीडियो 29 जनवरी को अपलोड किया हुआ मिला.
हमें '@chhora_yadav_ka_7777' अकाउंट से जुड़ा एक फेसबुक अकाउंट भी मिला, जो प्रदीप यादव नाम के शख्स का है. हमने प्रदीप से संपर्क किया तो पूरी कहानी साफ हो गई.
प्रदीप ने बताया कि वायरल वीडियो असल में 26 जनवरी की रात का है. उन्होंने कहा कि वो अपने दोस्तों के साथ 26 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में गए थे. वहां कुछ लोग उनके आगे 'मोदी-योगी जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे, तो उन्होंने भी 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' के नारे लगा दिए.
प्रदीप ने बताया कि ये वीडियो उनके दोस्त वीरेंद्र यादव ने अपने फोन से रिकॉर्ड किया था. उन्होंने हमें वीडियो के मेटा डेटा का स्क्रीनशॉट भी भेजा, जिसके मुुताबिक वीडियो रिकॉर्ड होने का समय 27 जनवरी की सुबह 5 बजकर 25 मिनट है. ये स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है.
हमें प्रदीप के इंस्टाग्राम अकाउंट पर '@virendrayadav7855' नाम का अकाउंट मिला जहां इस वीडियो को 27 जनवरी को शेयर किया था. इससे ये बात साफ हो गई कि 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' की नारेबाजी वाला वायरल वीडियो भगदड़ की रात नहीं, बल्कि उससे करीब 40 घंटे पहले रिकॉर्ड किया गया था.
प्रदीप ने बताया कि वो रायबरेली के रहने वाले हैं और वहां एक रीटेल का काम करते हैं. उनका कहना था कि वो 26 जनवरी को प्रयागराज गए थे और 27 जनवरी की दोपहर को वहां से वापस रायबरेली चले गए थे.
हालांकि, भगदड़ मचने की वजह क्या थी इसकी अभी जांच चल रही है. खबरों के अनुसार, घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अपना कार्यभार संभाल लिया है.
मगर जिस वीडियो को भगदड़ वाली रात का बताया जा रहा है, वो दरअसल उससे करीब दो दिन पहले का है.
इनपुट्स : शुभम सिंह, दी लल्लनटॉप