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फैक्ट चेक: 31 मार्च तक के लिए सभी ट्रेनें रद्द होने की बात झूठ है, ये वीडियो तीन साल पुराना है

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल हो रहा न्यूज बुलेटिन का वीडियो तकरीबन तीन साल पुराना है. हाल-फिलहाल में ट्रेनों को मार्च तक के लिए रद्द करने जैसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
रेल मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनें रद्द कर दी हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तीन साल पुरानी खबर है. हाल-फिलहाल में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

पिछले कई दिनों से कोहरे के चलते बड़ी संख्या में ट्रेनें कैंसिल हो रही हैं. 20 जनवरी, 2023 को अलग-अलग कारणों के चलते 250 से भी ज्यादा ट्रेनों को पूरी तरह कैंसिल करना पड़ा. वहीं 21 जनवरी, 2023 को तकरीबन 300 ट्रेनें पूरी तरह निरस्त रहेंगी.

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लेकिन इन खबरों के बीच एक कथित खबर ऐसी वायरल हो गई है जिसने कई लोगों को अचंभे में डाल दिया है. दरअसल एक न्यूज बुलेटिन का वीडियो खूब शेयर हो रहा है जिसके जरिये कहा जा रहा है कि 31 मार्च तक के लिए सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.

वायरल वीडियो में 'एबीपी न्यूज' का लोगो नजर आ रहा है. साथ ही, ब्रेकिंग न्यूज फ्लैश हो रही है, जिसमें लिखा है, '31 मार्च तक सभी ट्रेनें रद्द'. खबर के वॉइसओवर में बताया जा रहा है, 'कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. 31 मार्च तक सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. यात्री या लोग जो भी जहां हैं वहीं रहेंगे. कोई भी कहीं नहीं जा पाएगा'. खबर में आगे लिखकर आता है, 'केवल मालगाड़ी ही चलेगी-भारतीय रेल'.

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एक फेसबुक यूजर  ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक के लिए सभी यात्री ट्रेनें रद्द कर दी हैं".

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल हो रहा न्यूज बुलेटिन का वीडियो तकरीबन तीन साल पुराना है. हाल-फिलहाल में ट्रेनों को मार्च तक के लिए रद्द करने जैसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें 'एबीपी न्यूज' का वो वीडियो मिल गया जिसे अभी का बताते हुए शेयर किया जा रहा है. चैनल ने इसे 22 मार्च, 2020 को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था. उस वक्त कोरोना महामारी का प्रकोप देखते हुए रेल मंत्रालय ने ये ऐलान किया था.


घटे हैं कोरोना के मामले

'बिजनेस स्टैंडर्ड' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना के  

सक्रिय मामलों में गिरावट आई है. 20 जनवरी, 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1946 रह गई.

जाहिर है, ऐसे में 31 मार्च तक ट्रेनें रद्द करने का कोई औचित्य नहीं बनता.

दूसरी बात, अगर रेल मंत्रालय ने इतना बड़ा निर्णय लिया होता तो इसे लेकर हर जगह चर्चा होती. स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट और सोशल हैंडल्स के जरिये इसकी जानकारी दी जाती. मीडिया में भी इसे लेकर हर जगह खबर छपी होती, लेकिन हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला.

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पिछले साल भी इस वीडियो से फैला था भ्रम

पिछले साल भी 31 मार्च तक ट्रेनें रद्द होने का ये वीडियो वायरल हुआ था. उस वक्त प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो ने इसे गलत बताया था.

कई ट्रेनें पूरी तरह तो कुछ आंशिक रूप से हुई हैं निरस्त

रेलवे ने 20 जनवरी को 250 से भी ज्यादा ट्रेनें पूरी तरह तो तकरीबन 50 आंशिक रूप से रद्द कर दीं. वहीं 21 जनवरी को करीब 300 ट्रेनें पूरी तरह तो तकरीबन 40 आंशिक रूप से रद्द की गई हैं.

रद्द होने वाली ट्रेनों की पूरी लिस्ट 'enquiry.indianrail.gov.in' वेबसाइट पर देखी जा सकती है. इस बारे में कई न्यूज रिपोर्ट भी छपी हैं.  

बात साफ है, एक पुराने न्यूज बुलेटिन का वीडियो शेयर करके ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में 31 मार्च तक के लिए सभी यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.
 

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