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फैक्ट चेक: बांग्लादेश में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का नहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान नमाज पढ़ते छात्रों का है ये वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है . इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह बांग्लादेश में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का है. जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो हकीकत कुछ और निकली. यह वीडियो विरोध प्रदर्शन के दौरान नमाज पढ़ते छात्रों का है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि बांग्लादेश में सड़कों पर सरेआम हिंदुओं को इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का नहीं, बल्कि जुलाई 2024 में बांग्लादेश में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है. इस प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने सड़क पर नमाज अदा की थी.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं को बंधक बनाकर इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है. इस वीडियो में कई लोग एक सड़क पर नमाज की मुद्रा में बैठे हुए दिखते हैं.

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वीडियो को शेयर करते हुए एक एक्स यूजर  ने लिखा, “भारत के हिंदुओं आज से 100 साल बाद यही कायर लोग खुद को बड़ा मुसलमान बतायेंगे. बांग्लादेश में कायर हिंदू तलवार के डर से धर्म परिवर्तन को राज़ी है अरे मृत्यु तो ऐसे भी आयेगी पर लड़ कर अपने धर्म के लिए मरे होते तो इतिहास गर्व करता” वीडियो पर लिखा है, “बांग्लादेश में हिंदुओं को बंधक बनाकर इस्लाम कबूल करवाते” ऐसे ही कैप्शंस के साथ इस वीडियो को फेसबुक  पर भी शेयर किया गया है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का नहीं, बल्कि जुलाई 2024 में बांग्लादेश में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है, जिसके दौरान छात्रों ने सड़क पर नमाज अदा की थी.  

कैसे पता चली सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट SomoyTV के यूट्यूब चैनल  पर मिला. 16 जुलाई, 2024 को अपलोड किये गए इस वीडियो के बांग्ला टाइटल का अनुवाद है- “बशुंधरा में प्रदर्शनकारी छात्रों की जोहर की नमाज” बशुंधरा बांग्लादेश की राजधानी ढाका का एक इलाका है, और जोहर का मतलब होता है, दोपहर 12 बजे के आसपास अदा की जाने वाली नमाज.

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इस जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. SomoyTV की रिपोर्ट के अनुसार, 16 जुलाई, 2024 को बांग्लादेश के कोटा आंदोलन में शामिल विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने बशुंधरा गेट के सामने की सड़क को जाम करके प्रदर्शन किया था. इस दौरान जब जोहर की नमाज का वक्त आया तो छात्र सड़क पर ही नमाज अदा करने लगे.  

खबरों के अनुसार ये प्रदर्शन कुरली विश्वा रोड पर किया गया था. इस प्रदर्शन से एक दिन पहले 15 जुलाई को कोटा आंदोलन में शामिल छात्रों और छात्रा लीग के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं. इन सभी न्यूज रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो में दिखने वाली तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है.

ढाका प्रेस ने भी इस आंदोलन को लेकर खबरें छापी हैं. लेकिन इनमें से किसी भी खबर में हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन की बात का जिक्र नहीं है.

यहां ये बताना भी महत्वपूर्ण है कि वायरल वीडियो 16 जुलाई का है, जबकि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की खबरें 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद आनी शुरू हुई थीं.

वायरल वीडियो से जुड़ा ये दावा हाल ही में बांग्ला भाषा में भी वायरल हुआ था, जिससे संबंधित हमारा फैक्ट चेक यहां (  ) पढ़ा जा सकता है.  

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साफ है, बांग्लादेश में कोटा आंदोलन से संबंधित विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर नमाज पढ़ रहे छात्रों के वीडियो को हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

(रिपोर्ट : सुराजुद्दीन मोंडाल)  

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