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फैक्ट चेक: गुजरात में गोमांस के साथ BJP कार्यकर्ता के पकड़े जाने का वीडियो झूठा

'गुजरात में बीजेपी कार्यकर्ता गोमांस के साथ पकड़े गए, दंगा करवाने की कोशिश विफल!' इस तरह के दावे वाला वीडियो काफी वायरल हुआ. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स सड़क पर बैठा हुआ है और उसे कुछ लोग घेरे खड़े हैं. इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने  में वीडियो का किया फैक्ट चैक.

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वीडियो में एक शख्स सड़क पर बैठा हुआ है और उसे कुछ लोग घेरे खड़े हैं.
वीडियो में एक शख्स सड़क पर बैठा हुआ है और उसे कुछ लोग घेरे खड़े हैं.

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'गुजरात में बीजेपी कार्यकर्ता गोमांस के साथ पकड़े गए, दंगा करवाने की कोशिश विफल!' इस तरह के दावे वाला वीडियो काफी वायरल हुआ. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स सड़क पर बैठा हुआ है और उसे कुछ लोग घेरे खड़े हैं. उस शख्स के आसपास मांस जैसा कुछ पड़ा हुआ है. वीडियो में चमकदार लाल फॉन्ट में लिखा देखा जा सकता है- गोमांस के साथ बीजेपी नेता, गुजरात बीजेपी बेनकाब: गोमांस ले जाती बीजेपी कार पकड़ी.

आर्काइव्ड वीडियो को यहां देखा जा सकता है 

इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो भ्रामक है, क्योंकि इसमें दो अलग-अलग घटनाओं को वीडियो में दिखाकर फर्जी कहानी पेश करने की कोशिश की गई है.  

सोशल मीडिया पर अक्टूबर 2018 से ये वीडियो शेयर किया जा रहा है. इस स्टोरी को लिखे जाने तक साक्षी शर्मा के फेसबुक अकाउंट की पोस्ट को करीब 35 हजार बार शेयर किया जा चुका है.

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 54 सेकंड के वीडियो में वॉयसओवर किसी पुरुष का है. उसे किसी नसीम भाई को संबोधित करते हुए ‘बिग ब्रेकिंग न्यूज’ के बारे में बताते हुए सुना जा सकता है.  

वॉयसओवर में दावा किया जाता है कि गोमांस गुजरात के अहमदाबाद में बीजेपी के एक नेता की कार से पकड़ा गया. जिस शख्स की आवाज है उसे किसी 'नसीम भाई' और दर्शकों से वीडियो को शेयर करने की अपील करते सुना जा सकता है. साथ ही ये कहते भी कि 'इस ख़बर को स्थानीय मीडिया छुपा रहा है.'

वीडियो के 40वें सेकेंड में दो अलग-अलग फोटो स्क्रीन पर सामने आते हैं. पहली फोटो में दो लोगों को जमीन पर चौकड़ी मारे बैठे देखा जा सकता है. उनके आसपास पांच और लोग हैं, जिनमें से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी है.  

दूसरी फोटो में एक कार में मीट जैसा कुछ भरा हुआ है. कार की नंबर प्लेट पर ‘कमल’ का निशान है और कार का रजिस्ट्रेशन नंबर गुजरात का है.  

रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि वीडियो को पहले आधे हिस्से में झारखंड के हिस्से को दिखाया गया है. जहां जून 2017 में अलीमुद्दीन अंसारी को गाड़ी में कथित तौर पर गोमांस ले जाने के लिए पीट-पीटकर मार डाला गया था. अंसारी की गाड़ी को भी आग लगा दी गई थी. इस घटना को तब प्रमुख मीडिया हाउसेस ने कवर किया था.   

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फोटो में दिख रहा शख्स अलीमुद्दीन अंसारी है. किसी भी मीडिया रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं की गई कि अंसारी का कभी भी बीजेपी से कोई संबंध रहा हो. जब हमने वीडियो के अन्य आधे हिस्से की पड़ताल की तो पाया कि ‘कमल के निशान’ वाली कार और गुजरात की नंबर प्लेट पर लिखे लेख को वेबसाइट पर पाया. वेबसाइट ने पहली बार घटना को लेकर 2014 में लिखा और फिर 2016 में अपडेट किया ..

इसमें दावा किया गया कि कार गुजरात में बीजेपी के सदस्यों से जुड़ी है. वेबसाइट अब एक्ट‍िव नहीं है और इस पर दिया गया नंबर भी अब एक्टिव नहीं है. किसी साख वाले मुख्य धारा के मीडिया संस्थान में इस घटना का जिक्र नहीं देखने को मिला.

इंडिया टुडे इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि संबंधित वीडियो भ्रामक है, जैसे कि पहली घटना का जो इसमें जिक्र किया गया वह गुजरात की न होकर झारखंड की है. साथ ही फोटो में जो शख्स दिखाया गया है वह बीजेपी कार्यकर्ता नहीं है.

 

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