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फैक्ट चेक: इस वायरल वीडियो का नागपुर से नहीं है कोई लेना-देना

वीडियो में 40 सेकंड के बाद पुलिसकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इस बच्ची को जो भी जानता हो वह ख्वाजा अजमेर नगरी पुलिस स्टेशन से इस बच्ची को लेकर जा सकते हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
नागपुर पुलिस स्टेशन में मौजूद यह बच्ची घरवालों से बिछड़ गई है.
फेसबुक यूजर 'Srinivasa Pragasam'
सच्चाई
वायरल वीडियो नागपुर से नहीं पाकिस्तान से है और कुछ महीने पुराना है.

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सोशल मीडिया पर एक पुलिसकर्मी की गोद में रोती एक बच्ची का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मी बच्ची के परिजनों को ढूंढने में मदद के लिए गुहार लगाता सुनाई देता है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह बच्ची नागपुर स्टेशन में है और केवल तमिल बोल सकती है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो नागपुर से नहीं बल्कि पाकिस्तान का है और यह कुछ महीने पुराना है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां  देखा जा सकता है.

फेसबुक यूजर 'Srinivasa Pragasam ' ने यह वीडियो अपलोड करते हुए कैप्शन लिखा जिसका हिंदी अनुवाद है: "यह बच्ची नागपुर स्टेशन में है और केवल तमिल बोल सकती है. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि इस बच्ची को उसका परिवार मिल सके." खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 5700 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था.

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वायरल वीडियो के दावे का सच जानने के लिए सबसे पहले हमने इस वीडियो पर गौर किया तो हमें कुछ संकेत मिले. वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी की वर्दी पाकिस्तान पुलिस की वर्दी से मेल खाती है.

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वहीं वीडियो में 40 सेकंड के बाद पुलिसकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इस बच्ची को जो भी जानता हो वह 'ख्वाजा अजमेर नगरी' पुलिस स्टेशन से इस बच्ची को लेकर जा सकते हैं. हमने जब इंटरनेट पर ख्वाजा अजमेर नगरी पुलिस स्टेशन के बारे में सर्च किया तो पाया कि यह पुलिस स्टेशन पाकिस्तान के कराची में है.

वीडियो में पुलिसकर्मी को यह कहते सुना जा सकता है कि बच्ची इतनी छोटी है कि अपना नाम नहीं बता पा रही है. हमें यह वीडियो यूट्यूब पर भी मिला. इस वीडियो को 4 दिसंबर, 2018 को अपलोड किया गया था, यानी कि यह वीडियो ताजा नहीं है.

पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रहा वीडियो न केवल पुराना है, बल्कि यह पाकिस्तान के कराची का है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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