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फैक्ट चेक: रेप के डर से भारत नहीं आई महिला खिलाड़ी? वायरल खबर का ये है सच

खबर में महिला खिलाड़ी का नाम एम्ब्रे एलिनिक्स बताया गया है जिनके माता-पिता ने कहा कि वे अपनी बेटी को चेन्नई भेजकर जोखिम उठाना नहीं चाहते.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
भारत में बढ़ती रेप की घटनाओं से डरकर स्विट्जरलैंड की एक महिला खिलाड़ी विश्व जूनियर स्क्वाश चैंपियनशिप के लिए चेन्नई नहीं आई.
सोशल मीडिया यूज़र
सच्चाई
ये खबर जुलाई 2018 की है, हाल-फिलहाल की नहीं. इसके अलावा, उस समय खिलाड़ी के माता-पिता ने इस खबर का खंडन किया था.

हाथरस कांड के बाद देश के कई हिस्सों से लड़कियों के साथ दरिंदगी की खबरें आईं. इन घटनाओं को लेकर काफी विरोध-प्रदर्शन भी हुआ. अब इसी को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है. कटिंग में दावा किया गया है कि भारत में बढ़ रहे रेप के मामलों से डरकर स्विट्जरलैंड की एक महिला स्क्वाश खिलाड़ी ने विश्व जूनियर स्क्वाश चैंपियनशिप के लिए चेन्नई ना आने का फैसला किया है.

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खबर में महिला खिलाड़ी का नाम एम्ब्रे एलिनिक्स बताया गया है जिनके माता-पिता ने कहा कि वे अपनी बेटी को चेन्नई भेजकर जोखिम उठाना नहीं चाहते. खबर में कुछ और देशों का भी जिक्र है जो भारत आये अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इस कटिंग को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की खूब आलोचना की जा रही है. लोग कटिंग के साथ तंज करते हुए लिख रहे हैं कि आखिरकार नरेंद्र मोदी ने विदेश में भारत का नाम रोशन कर दिया.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रही ये खबर जुलाई 2018 की है, हाल-फिलहाल की नहीं. साथ ही, उस समय महिला खिलाड़ी के माता-पिता ने इस बात को झूठा बताया था कि उनकी लड़की बढ़ते रेप के मामलों की वजह से भारत नहीं आई.

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एंटी रेप एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने इस कटिंग को शेयर करते हुए लिखा है, "भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए धन्यवाद नरेंद्र मोदी." योगिता का ये ट्वीट हज़ारों में रीट्वीट और लाइक किया जा चुका है. फेसबुक  पर भी इस दो साल से ज्यादा पुरानी खबर को साझा किया जा रहा है. वायरल ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें इस मामले से जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने ये खबर 19 जुलाई 2018 को प्रकाशित की थी. इस खबर में एम्ब्रे एलिनिक्स की भारत न आने की बात स्विज़ जूनियर नेशनल कोच पास्कल ब्रूहिन के हवाले से कही गई थी. खबर के मुताबिक, ब्रूहिन ने कहा था कि एम्ब्रे के माता-पिता ने भारत में लड़कियों के साथ हो रहे अपराध को लेकर कुछ खबरें पढ़ीं, जिसके बाद उन्होंने एम्ब्रे को स्क्वाश चैंपियनशिप में चेन्नई जाने की इजाजत नहीं दी. कुछ और मीडिया संस्थाओं ने भी इस मामले पर खबर प्रकाशित की थी.

लेकिन कुछ ही दिन बाद खबर आई कि एम्ब्रे के माता-पिता ने इस बात का खंडन किया है. उनका कहना था कि वे भारत में अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर कभी चिंतित नहीं थे. दरअसल, सुरक्षा की वजह से भारत ना आने वाली खबर चलने के बाद एम्ब्रे को सोशल मीडिया पर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. इसके बाद एम्ब्रे के माता-पिता Igor और Valerie ने एक स्क्वाश वेबसाइट से बात करते हुए मीडिया रिपोर्ट्स को झूठा बताया था.

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'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के अनुसार, एम्ब्रे के माता-पिता ने कहा था कि उनका परिवार एम्ब्रे के साथ जुलाई 2018 में छुट्टियां मानना चाहता था. इसी कारण से एम्ब्रे भारत नहीं आ पाई. माता-पिता के मुताबिक एम्ब्रे को भारत ना भेजने का फैसला वे सिंतबर 2017 में ही कर चुके थे और इसका कारण सुरक्षा नहीं था. उनका कहना था कि उनकी बेटी अभी 16 साल की है, अगले दो साल तक वर्ल्ड जूनियर खेलेगी, वे उस पर ज्यादा भार नहीं डालना चाहते. माता-पिता ने ये भी कहा था कि वे एम्ब्रे के साथ भारत जरूर आना चाहेंगे.

'द न्यूज़ मिनट' की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्क्वाश फेडरेशन का भी यही कहना था कि एम्ब्रे छुट्टियां मनाने की वजह से भारत नहीं आई हैं.

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