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42 साल की शेफाली जरीवाला को आया था कार्डिएक अरेस्ट! जानें कैसे फिट इंसान को भी घेर लेती है ये बीमारी

एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला की अचानक हुए निधन ने हर किसी को सदमे में डाल दिया है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आया था. ऐसे में इतनी कम उम्र में किसी फिट इंसान की कार्डिएक अरेस्ट से मौत अलर्ट करती है कि भारत में हार्ट डिसीस को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है. यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे, कब और क्यों किसी व्यक्ति को कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है.

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cardiac arrest causes and symtoms
cardiac arrest causes and symtoms

एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के कार्डिएक अरेस्ट (हृदयाघात) से हुए निधन की खबर ने हर किसी को चौंका दिया है. वो सिर्फ 42 साल की थीं और बेहद फिट थीं. हालांकि उनकी मौत के कारण की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें अचानक कार्डियक अरेस्ट (sudden cardiac arrest) आया था.

क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट

अमेरिका के मेडिल सेंटर क्लीवलैंड क्लीनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अचानक कार्डियक अरेस्ट एक एमरजेंसी कंडीशन होती है जिसमें दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है. कार्डियक अरेस्ट केवल बुजुर्गों को नहीं बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को आ सकता है, हालांकि 30 से कम उम्र के व्यक्ति में कार्डिएक अरेस्ट होने की संभावना कम होती है. लेकिन पिछले कुछ समय से हमारे सामने ऐसी कई खबरें आई हैं जिनमें भारत में बच्चों में भी सडन कार्डिएक अरेस्ट देखा गया.

अगर किसी की फैमिली हिस्ट्री में ये कंडीशन रही है तो ऐसे लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है. यह हृदय रोग से पीड़ित लोगों को भी होने का रिस्क ज्यादा होता है. कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले शरीर अक्सर हल्के संकेत देता है जिन्हें समय रहते समझ लेने पर मरीज की जान बच सकती है.

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महिलाओं में बढ़ रहा रिस्क
एक हालिया रिपोर्ट में 5 साल की उम्र के बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्या देखी गई है जो हार्ट डिसीस के प्रति सभी लोगों को अलर्ट करती है. 

अमेरिका के PubMed Central (PMC) जर्नल में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, हार्ट डिसीस अमेरिका में महिलाओं में मौत का प्रमुख कारण है जो सभी आयु वर्गों की महिलाओं को प्रभावित करता है. भारत में भी महिलाओं की मौतों की बड़ी वजहों में हृदय रोग शामिल है.

कार्डियक अरेस्ट से ठीक पहले क्या होता है?
बेहोश होने से पहले मरीज में कार्डियक अरेस्ट के कई लक्षण दिख सकते हैं.

सीने में दर्द
मतली और उल्टी
सांस फूलना

कार्डियक अरेस्ट का क्या कारण है?
कार्डियक अरेस्ट से पहले असामान्य एब्नॉर्मल इंपल्सेस आपके दिल की धड़कन शुरू करने वाले नॉर्मल इंपल्सेस को ओवरराइड कर देते हैं जिससे हार्ट बीट एब्नॉर्मल हो जाती है और कार्डियक अरेस्ट का कारण बनती है.

जब ऐसा होता है तो आपका दिल रक्त पंप नहीं कर सकता. जब आपका दिल धड़क नहीं रहा होता है तो आपके शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सिजन वाला खून पहुंचाने का कोई और रास्ता नहीं बचता. बिना इलाज मरीज कुछ ही मिनटों में मर सकता है.

कब और क्यों हार्ट बीट में दिक्कत आती है

कार्डियोमायोपैथी.
किसी बीमारी के लिए ली जा रही दवाएं
हार्ट अटैक
हार्ट फेल होना
कोकेन जैसे ड्रग्स का सेवन
लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम (LQTS)
गंभीर बीमारी या चोट जिसमें बहुत ज्यादा खून बह जाता है

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कार्डियक अरेस्ट के रिस्क फैक्टर्स
अगर किसी को पहले अचानक कार्डियक अरेस्ट हुआ हो या फिर परिवार में ऐसा हुआ हो तो उसे कार्डियक अरेस्ट का जोखिम अधिक होता है. इसके अलावा कुछ और कारण भी भी यहां हम बता रहे हैं.

जन्म से ही दिल या ब्लड वेसल्स से जुड़ी दिक्कत
हृदय वॉल्व की बीमारी 
खून में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा में चेंजेस
मोटापा
डायबिटीज

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो यानी रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. इसका मतलब है कि हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सिजन नहीं मिल पाती है जिससे हृदय का कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो सकता है या मर भी सकता है.

वहीं, कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल इश्यू है, यह तब होता है जब हृदय अचानक ठीक से धड़कना बंद कर देता है. इससे शरीर और मस्तिष्क में ब्लड फ्लो रुक जाता है जो तुरंत इलाज न किए जाने पर कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकता है. 
 

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