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डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं आयरा खान, 12 साल की उम्र में ली थी थेरेपी, समझें किशोरावस्था में कैसे है कारगर

एक वक्त था, जब आयरा इस हद तक डिप्रेशन से जूझ रही थीं कि खुद को दुनिया से दूर करना चाहती थीं. आयरा ने उन दिनों का जिक्र करते हुए बताया था कि, 'मैंने कभी खुद को मारने की कोशिश नहीं की लेकिन मैं चाहती थी कि मैं सो जाऊं और कभी न उठूं....'.

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Aamir khan daughter Ira Khan
Aamir khan daughter Ira Khan

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की बेटी आयरा खान जिंदगी के अगले फेज़ में कदम रखने वाली हैं. कभी डिप्रेशन में खुद को दुनिया से दूर करने की चाह रखने वाली आयरा अब बॉयफ्रेंड नुपुर शिखरे से शादी कर रही हैं. आयरा खान अन्य स्टार किड की तरह एक्टिंग की चाह पर नहीं हैं. आयरा खुद डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं और अब डिप्रेशन के शिकार लोगों की मदद करती हैं. वो एक Philanthropist हैं और Agastu Foundation से जुड़ी हुई हैं. इसके तहत आयरा मेंटल हेल्थ से जुड़े बीमार लोगों की मदद करती हैं.

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खुद को दुनिया से दूर करना चाहती थीं आयरा

एक वक्त था, जब आयरा इस हद तक डिप्रेशन में चली गईं थीं कि खुद को दुनिया से दूर करना चाहती थीं. आयरा ने इस वक्त का जिक्र करते हुए बताया था, "मैंने कभी खुद को मारने की कोशिश नहीं की लेकिन मैं चाहती थी कि मैं सो जाऊं और कभी न उठूं या मैं कुछ सालों के लिए कोमा में चली जाऊं." इस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि ऐसे में जीने का दर्द मरने के दर्द से कहीं ज्यादा होता है.

12 साल की उम्र में मां ने थेरेपी के लिए भेजा 

आयरा ने कई बार अपने डिप्रेशन के दौर का अनुभव खुलकर शेयर किया है. उन्होंने बताया था कि जब वो 12 साल की थीं, तब थेरेपी के लिए गईं थीं. उन्होंने बताया कि वो थेरेपी के लिए नहीं जाना चाहती थीं लेकिन उनकी मां ने उन्हें मनाया और थेरेपी के लिए भेजा. मेंटल हेल्थ आज के समय में भी बेहद नकारी जाने वाली समस्या है. 12 साल की उम्र में थेरेपी भारतीय समाज में एक अटपटी चीज़ हो सकती है. आज हम आयरा खान के केस को समझाते हुए किशोरावस्था में थेरेपी की जरूरत और उसकी अहमियत बता रहे हैं.

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किशोरावस्था में मेंटल हेल्थ पर तवज्जो जरूरी

किशोरावस्था एक ऐसी उम्र होती है, जिसमें बच्चा कई तरह से बदलाव से गुजर रहा होता है और खुद को समाज में ढालने की कोशिश में लगा होता है. इस उम्र में बच्चे की संगति बेहद अहमियत रखती है. उसके दिमाग में कई तरह के सवाल आते हैं, उसे उन सवालों के जवाब उसकी परवरिश और संगति के आधार पर मिलते हैं. बच्चा अपने माता-पिता या आसपास के लोगों के साथ कितना खुला हुआ है, इस बात का असर उसके स्वभाव पर भी देखने को मिलता है. 

ऐसी स्थिति में अगर कोई बच्चा डिप्रेशन में आ जाता है तो जरूरी है कि स्थिति को समझकर बच्चे की थेरेपी कराई जाए. आइए जानते हैं, किशोरावस्था में कैसे मददगार होती है थेरेपी.

तनाव

किशोरावस्था में कई तरह के तनाव हो सकते हैं. इसमें एग्जाम हों या कोई अन्य मुद्दे जिन पर शायद वो अपने माता-पिता से बात न कर पा रहा हो. इसमें काउंसलर से बात करना मददगार साबित हो सकता है.

स्कूल या सामाजिक जिंदगी

स्कूल में बच्चा कई तरह की चीजों से जूझता है. हो सकता है बच्चे को उसके नंबर या उसकी बॉडी शेप या किसी अन्य बात को लेकर उसका मजाक बनाया जाता हो. इस स्थिति में बच्चा खुद को बेहद अकेला महसूस करता है. इस स्थिति में काउंसलर से बात और थेरेपी मददगार साबित हो सकती है.

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स्वाभाविक दिक्कतें

इस उम्र में बच्चे में कई तरह के बदलाव आते हैं. उसके स्वाभाव में भी बदलाव देखने को मिलते हैं. बच्चा गुस्सैल भी हो जाता है और इस स्थिति में समाज का उसके प्रति रवैया उसे दिमागी रूप से परेशानी कर सकता है. ये स्थिति थेरेपी से सुलझाई जा सकती है.

एंग्जाइटी

किशोरावस्था एक ऐसी उम्र में जिसमें बहुत बड़ी तादाद में बच्चे एंग्जाइटी का शिकार होते हैं और अपने बल पर स्थिति को संभाल पाना उनके लिए मुमकिन नहीं होता. इस स्थिति में काउंसलर मदद कर सकता है.

डिप्रेशन

बच्चे के लिए घरेलू वाद-विवाद भी परेशानी के वजह बन सकते हैं. आयरा खान भी कह चुकी हैं कि उनके माता-पिता का तलाक उनके डिप्रेशन की वजह बना. बॉडी से लेकर समाज के नजरिए तक का बदलाव हो या कोई अन्य परेशानी, इस उम्र में कई बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में थेरेपिस्ट बच्चे को गलत कदम उठाने से रोक सकते हैं या सही रास्ते पर ला सकता है.

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